दीपावली की छुट्टियों में माला अपने मायके जाने की तैयारी कर रही थी, लेकिन उसके बच्चे सोनल और गौरव इस बात से खुश नहीं थे और कुछ अलग, एडवेंचर्स जगह जाने की इच्छा जता रहे थे। मयंक, जो परिवार का पिता है, बच्चों के मन की स्थिति को समझकर उन्हें बताता है कि काली अमावस्या से पूर्णिमा के बीच रात 9 बजे के बाद उस रास्ते पर अजीब-अजीब हादसे होते हैं, जिससे माला उन्हें उस समय यात्रा करने से मना कर रही थी। बच्चों को इस रहस्य को जानने की जिज्ञासा है, और मयंक उन्हें इस बारे में बताता है, लेकिन तभी अचानक मयंक ब्रेक लगाता है, जिससे माला चिंतित हो जाती है। वो डरावनी रात Uma Vaishnav द्वारा हिंदी डरावनी कहानी 20.3k 6.5k Downloads 22.6k Views Writen by Uma Vaishnav Category डरावनी कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण दीपावली की छुट्टियां होते ही माला हर साल की तरह इस साल भी मायके जाने की तैयारी कर रही थी। करीब सारी तैयारी हो गई थी। वो आखिरी बैग जिसमें खाना और पानी आदि रास्ते में काम आने वाली वस्तुएं रखनी थी वो भी तैयार हो गया। अब बस मयंक के आने की देरी थी। माला के दोनों बच्चे सोनल और गौरव का मूड खराब था। दोनों को हर साल की तरह बार बार एक ही जगह जाना पसंद नहीं था। तभी मयंक भी आ जाता है, और दोनों बच्चों के मूड को देख पूछता है मयंक :- क्या बात More Likes This Salmon Demon - 1 द्वारा Vedant Kana उस बाथरूम में कोई था - अध्याय 1 द्वारा Varun छाया का प्यार - 1 द्वारा kajal jha भूत सम्राट - 1 द्वारा OLD KING कृष्णा कैफ़े - भाग 2 द्वारा Raj Phulware दर्पण - भाग 1 द्वारा Raj Phulware अंजान - 1 द्वारा Raj Phulware अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी