कहानी "एक जिंदगी - दो चाहतें" में तनु और परम की जिंदगी के एक महत्वपूर्ण पल को दर्शाया गया है। अध्याय-2 में, तनु की थकान के बाद परम उसे आराम करने के लिए कहता है। दोनों बालकनी में बैठकर चांदनी रात का आनंद लेते हैं, और तनु अपने बगीचे में रातरानी का पौधा लगाने का निर्णय लेती है। वे अभी तक अपने पड़ोसियों से परिचित नहीं हैं, लेकिन परम की इच्छा है कि वह पड़ोसियों से घनिष्ठता बढ़ाए ताकि तनु को किसी का सहारा मिले। परम को तनु को छोड़कर जाने का ख्याल दुखी करता है। वह अपने घर के बारे में सोचता है, जो उन्होंने दो साल पहले बुक किया था। तनु और परम ने कई संघर्षों का सामना किया है, और अभी भी परम के परिवार से जुड़ी लड़ाई बाकी है। अंत में, तनु थक गई है और परम उसे गरम पानी का शॉवर लेने के लिए कहता है, जिससे उसकी थकान दूर हो सके। इस अध्याय में प्रेम, संघर्ष और परिवार की अहमियत को दर्शाया गया है। एक जिंदगी - दो चाहतें - 2 Dr Vinita Rahurikar द्वारा हिंदी प्रेरक कथा 16 4.5k Downloads 10.5k Views Writen by Dr Vinita Rahurikar Category प्रेरक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण तनु के चेहरे पर अब थकान लगने लगी थी। परम ने उसे अब बाकी का काम बाद में करने को कहा। सूप पीकर और नूडल्स खाकर तनु और परम थोड़ी देर बाते करने ऊपर बालकनी में बैठ गये। दो-चार दिन में ही पूर्णिमा आने वाली होगी। आसमान में चांद चमक रहा था। कतार में खड़े घरों की छतों पर चांदनी छिटकी हुई थी। आसपास किसी घर में रातरानी लगी होगी, हवा के झौकों के साथ-साथ उसकी मंद मधुर सुगंध भी आ जाती थी। तनु ने तय कर लिया अपने बगीचे में वह भी रातरानी का पौधा जरूर लगाएगी। नीचे दो-चार लोग टहल रहे थे। कुछेक परम और तनु के घर के सामने से गुजरते हुए उत्सुकतावश घर की ओर देख लेते थे। Novels एक जिंदगी - दो चाहतें बचपन से ही भारतीय सेना के जवानों के लिए मेरे मन में बहुत आदर था। मेरे परिवार में कोई भी सेना में नहीं है। मैंने सिर्फ सिनेमा में सैनिकों के बहादुरी भर... More Likes This जादुई मुंदरी - 1 द्वारा Darkness दस महाविद्या साधना - 1 द्वारा Darkness श्री गुरु नानक देव जी - 1 द्वारा Singh Pams शब्दों का बोझ - 1 द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR नारद भक्ति सूत्र - 13. कर्म फल का त्याग द्वारा Radhey Shreemali कोशिश - अंधेरे से जिंदगी के उजाले तक - 3 - (अंतिम भाग) द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR काफला यूँ ही चलता रहा - 1 द्वारा Neeraj Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी