Social media v s moral values book and story is written by Akshay jain in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Social media v s moral values is also popular in Philosophy in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. सामाजिक मीडिया का नैतिक संस्कारों पर प्रभाव Akshay jain द्वारा हिंदी मनोविज्ञान 3 5.1k Downloads 23.2k Views Writen by Akshay jain Category मनोविज्ञान पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण "Social media अर्थात् सामाजिक मीडिया।" आज सभी जानते है और सभी मानते भी है कि सोशल मीडिया पारस्परिक जुड़ाव का अच्छा साधन है। आपस में जुड़ने का अच्छा उपाय है। लेकिन अब जो मैं अपनी बात यहां कह रहा हूं, वह अनुभव आधार है। जरा आप विचारिए कि क्या वास्तव में सोशल मीडिया आपस में जोड़ने का काम कर रहा है? क्या लोग वास्तव में सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं? नहीं! बल्कि सोशल मीडिया से लोग और दूर होते जा रहे हैं।क्योंकि जो बेटा पहले अपने घरवालों की बीमारी के समय More Likes This Successful MAD Tips द्वारा Ashish भय - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सबा - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil चुप्पियों का कथाकार - अर्नेस्ट हेमिंग्वे द्वारा Dr Jaya Shankar Shukla जागृति आवाहन द्वारा Rudra S. Sharma जीवन कैसे जिएं? - 1 द्वारा Priyanshu Jha VIRUS द्वारा ANKIT YADAV अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी