VIRUS book and story is written by Ankit kumar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. VIRUS is also popular in Philosophy in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. VIRUS ANKIT YADAV द्वारा हिंदी मनोविज्ञान 3 1.6k Downloads 4.8k Views Writen by ANKIT YADAV Category मनोविज्ञान पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण हाय राम, ये क्या हो गया, कैसे हो गया। सब के सब यूं क्यों पड़े हैं। मम्मी पापा उठो ना, उठते क्यों नहीं, भैया उठ क्यों नहीं रहे, ओ माय गॉड, ये सब क्या हो गया। आंटी जी, देखिए ना, गेट खोलिए ना। कोई गेट क्यों नहीं खोल रहा। सब को क्या हो गया है। समर तुम कहां हो, जल्दी मेरे घर आ जाओ, यहां कोई उठ ही नहीं रहा, सारे गहरी नींद में है और सब के चेहरे पर हरे हरे निशान दिखाई पड़ रहे हैं। समर के घर का भी कुछ यही हाल था, सब के सब गहरी More Likes This Successful MAD Tips द्वारा Ashish भय - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सबा - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil चुप्पियों का कथाकार - अर्नेस्ट हेमिंग्वे द्वारा Dr Jaya Shankar Shukla जागृति आवाहन द्वारा Rudra S. Sharma जीवन कैसे जिएं? - 1 द्वारा Priyanshu Jha VIRUS द्वारा ANKIT YADAV अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी