इस कहानी में, लेखक यशवंत कोठारी ने कला केंद्रों और संस्कृति के संरक्षण की सरकारी प्रयासों का व्यंग्यात्मक चित्रण किया है। हर शहर में कला केंद्र और कलाकार होते हैं, लेकिन इन केंद्रों में वास्तविक कला के बजाय भ्रष्टाचार का बोलबाला है। कहानी में दिखाया गया है कि कैसे सरकारें और अधिकारी कला के नाम पर आर्थिक लाभ उठाने में लगे हैं। मंत्री के आगमन की तैयारी में कला कारों को जल्दबाजी में काम करने का निर्देश दिया जाता है। अधिकारियों की बातचीत में यह स्पष्ट होता है कि वे अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए कला के विभिन्न आयोजनों का सहारा लेते हैं। कई योजनाएं और अनुदान देने के नाम पर भ्रष्टाचार की बातें होती हैं, जिसमें कला के कार्यक्रमों का आयोजन सिर्फ दिखावे के लिए किया जाता है। कलाकारों को सम्मान दिलाने का वादा किया जाता है, लेकिन यह सब एक राजनीतिक खेल का हिस्सा है। कहानी अंततः इस निष्कर्ष पर पहुँचती है कि कला और संस्कृति का नाम लेकर केवल आर्थिक लाभ और व्यक्तिगत स्वार्थ साधा जा रहा है, जबकि वास्तविक कला और कलाकारों की स्थिति पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। अफसर का अभिनन्दन - 25 Yashvant Kothari द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 3 3.1k Downloads 8.4k Views Writen by Yashvant Kothari Category हास्य कथाएं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कला- हीन कला केंद्र यशवंत कोठारी हर शहर में कला केन्द्र होते हैं ,कलाकार होते हैं और कहीं कहीं कला भी होती है.रविन्द्र मंच,जवाहर कला केंद्र ,भारत भवन,मंडी हाउस ,आर्ट गेलेरियां आदि ऐसे ही स्थान है जहाँ पर कला के कद्रदान विचरते रहते हैं.सरकार ने संस्कृति की रक्षा के लिए एक पूरा महकमा बना दिया है जो कला संकृति की रक्षा के लिए कला कारों को हड़काता रहता है .चलो जल्दी करो मंत्रीजी के आने का समय हो गया है और तुम यहाँ क्या कर रहे हो जाओ कोस्टुम पहनो. सीधे खड़े रहो, सी एम् सर को प्रणाम करो, सचिव Novels अफसर का अभिनन्दन कामदेव के वाण और प्रजातंत्र के खतरे यशवन्त कोठारी होली का प्राचीन संदर्भ ढूंढने निकला तो लगा कि बसंत के आगमन के साथ ही चारों तरफ कामदेव अपने वा... More Likes This Check-In हुआ, Check-Out नहीं! - अध्याय 3 द्वारा Sakshi Devkule मोहब्बत की दास्तान - 1 द्वारा Vishal Saini शोसल मीडिया और भगवत प्रसाद - 1 द्वारा saif Ansari हास्यास्त्र भाग–१ द्वारा Bhaveshkumar K Chudasama थ्री बेस्ट फॉरेवर - 1 द्वारा Kaju मैं मंच हूँ द्वारा Dr Mukesh Aseemit प्यार बेशुमार - भाग 8 द्वारा Aarushi Thakur अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी