शैलेन्द्र चौहान ने यथार्थ के चित्रण और वैज्ञानिक साहित्य के महत्व पर प्रकाश डाला है। उन्होंने रघुवीर सहाय के कार्यों का उल्लेख किया, विशेषकर उनके निबंध 'रोटी का हक' का, जिसमें उन्होंने बताया कि रोटी का अधिकार और इसे पैदा करने के साधनों पर अधिकार दो अलग चीजें हैं। उन्होंने यह तर्क किया कि यह धारणा कि जनता को केवल रोटी चाहिए, गलत है और यह लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है। चौहान ने यह भी कहा कि आधुनिक हिन्दी कविता में नई कविता और अकविता की धाराओं के माध्यम से मध्य वर्ग की समस्याओं को दर्शाया गया है, जबकि किसान-मजदूर की आवाज़ें हाशिये पर चली गई हैं। नक्सलबाड़ी आंदोलन ने किसानों और मजदूरों को फिर से राजनीति में शामिल किया, और हिन्दी कविता में उन्हें पुनः स्थान मिला। कवियों ने सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक संदर्भों में किसानों की सच्चाइयों को उजागर किया, यह दिखाते हुए कि भूमि सुधारों के नाम पर पूंजीवादी और सामंतवादी शक्तियों का गठजोड़ किसानों के शोषण को जारी रखता है। इस प्रकार, लेख में यथार्थ, विचार और साहित्य के बीच के संबंध को स्पष्ट किया गया है। वैज्ञानिक साहित्य Shailendra Chauhan द्वारा हिंदी मानवीय विज्ञान 552 2.6k Downloads 11.6k Views Writen by Shailendra Chauhan Category मानवीय विज्ञान पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण शैलेन्द्र चौहान यथार्थ का चित्रण, वैज्ञानिक साहित्य का एक महत्वपूर्ण पक्ष है और उसका वैचारिक प्रतिफलन हमें रिपोर्ताज, डायरी, लेख, राजनीतिक आलेख इत्यादि में देखने को मिलता है। हिन्दी के आधुनिक साहित्य में यह सब विविध आयम आज परिलक्षित होते हैं। स्व. रघुवीर सहाय एक अच्छे कवि रचनाकार तो थे ही वह एक अच्छे सम्पादक तथा अखबारनवीस भी थे। उनके रिपोर्ताज शैली में कुछ लघु निबंध संकलित हैं 'भँवर, लहरें और तरंग' नाम से उसका अन्तिम निबंध है, 'रोटी का हक'। वैज्ञानिक विचार मंथन की एक साहित्यिक प्रस्तुति यह भी है - "पिछले कुछ वर्षों में कुछ एक झूठ चारों तरफ फैले हैं उनमें More Likes This रात का राजा - भाग 1 द्वारा Raj Phulware मैं महत्वपूर्ण नहीं हूँ: बरगद की कहानी - 2 द्वारा Dr. Gyanendra Singh Why Did The Man Go - 1 द्वारा Sadik Pathan 01 जवान लड़का – भाग 1 द्वारा Katha kunal दा आर्ट ऑफ फ्लर्टिंग - भाग 1 द्वारा saif Ansari मंजिले - भाग 22 द्वारा Neeraj Sharma मौत और पुनः जिन्दा होने के बीच का अनुभव द्वारा S Sinha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी