हरनाम कौर Saadat Hasan Manto द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

हरनाम कौर

Saadat Hasan Manto मातृभारती सत्यापित द्वारा हिंदी लघुकथा

निहाल सिंह को बहुत ही उलझन हो रही थी। स्याह-व-सफ़ैद और पत्ली मूंछों का एक गुच्छा अपने मुँह में चूसते हुए वो बराबर दो ढाई घंटे से अपने जवान बेटे बहादुर की बाबत सोच रहा था। निहाल सिंह की अधेड़ ...और पढ़े


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