बेटियाँ - शर्म नहीं सम्मान है..... Satender_tiwari_brokenwordS द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ

बेटियाँ - शर्म नहीं सम्मान है.....

Satender_tiwari_brokenwordS मातृभारती सत्यापित द्वारा हिंदी कविता

1. वो दौर-----------न जाने वो कैसा दौर रहा होगा जब बेटियों के पैदा होने पर घर गाँव मे सन्नाटा छा जाता थाकहीं मातम भारी शाम होती थीकहीँ पर बेटियों को दफना दिया जाता थान जाने वो कैसा दौर रहा ...और पढ़े


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