बेटियाँ - शर्म नहीं सम्मान है..... Satender_tiwari_brokenwordS द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें कविता किताबें बेटियाँ - शर्म नहीं सम्मान है..... बेटियाँ - शर्म नहीं सम्मान है..... Satender_tiwari_brokenwordS द्वारा हिंदी कविता 1.8k 9.8k 1. वो दौर-----------न जाने वो कैसा दौर रहा होगा जब बेटियों के पैदा होने पर घर गाँव मे सन्नाटा छा जाता थाकहीं मातम भारी शाम होती थीकहीँ पर बेटियों को दफना दिया जाता थान जाने वो कैसा दौर रहा ...और पढ़ेकी चाह में इंसान अंधा हो जाता थाबेटियों वाले परिवार को कोसा जाता थाघर की लक्ष्मी को बोझ समझा जाता थाएक बेटी की माँ को तड़पाया जाता था मनहूस और अपशगुन कहा जाता थान जाने वो कैसा दौर रहा होगा।।एक दौर की बेटी, रानी झांसी की कहलाई थीजिसने आज़ादी के लिए लड़ना सिखाया थाएक दौर की एक बेटी ने अंतरिक्ष में नाम हिंदुस्तान का कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें बेटियाँ - शर्म नहीं सम्मान है..... अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Satender_tiwari_brokenwordS फॉलो