स्वराज के लिए Saadat Hasan Manto द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें लघुकथा किताबें स्वराज के लिए स्वराज के लिए Saadat Hasan Manto द्वारा हिंदी लघुकथा (13) 2.8k 13.3k मुझे सन याद नहीं रहा। लेकिन वही दिन थे। जब अमृतसर में हर तरफ़ “इन्क़िलाब ज़िंदाबाद के नारे गूंजते थे। इन नारों में, मुझे अच्छी तरह याद है, एक अजीब क़िस्म का जोश था.... एक जवानी.... एक अजीब क़िस्म ...और पढ़ेजवानी। बिलकुल अमृतसर की गुजरियों की सी जो सर पर ऊपलों के टोकरे उठाए बाज़ारों को जैसे काटती हुई चलती हैं.... ख़ूब दिन थे। फ़िज़ा में जो वो जलियांवाला बाग़ के ख़ूनीं हादिसे का उदास ख़ौफ़ समोया रहता था। उस वक़्त बिलकुल मफ़क़ूद था। अब उस की जगह एक बेख़ौफ तड़प ने ले ली थी.... एक अंधा धुंद जस्त ने जो अपनी मंज़िल से ना-वाक़िफ़ थी। कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें स्वराज के लिए मंटो की चुनिंदा कहानियाँ - उपन्यास Saadat Hasan Manto द्वारा हिंदी - लघुकथा (281) 47.3k 219.9k Free Novels by Saadat Hasan Manto अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Saadat Hasan Manto फॉलो