यह कहानी रिया और अजय, दो अजनबी दोस्तों की है, जिनकी दोस्ती एक रेल यात्रा के दौरान हुई थी। कई सालों बाद, वे दोनों फिर से रेल गाड़ी में हैं, लेकिन अब साथ नहीं हैं। उन्होंने अपनी दोस्ती की यादों को साझा करते हुए अन्य यात्रियों को अपनी कहानी सुनाई। कहानी की शुरुआत उस दिन से होती है जब रिया चंडीगढ़ से चेन्नई जा रही थी और अजय ने उसे अपनी सीट पर बैठते हुए पाया। बातचीत के दौरान, उन्होंने चाय पीकर एक-दूसरे से परिचय किया और दोस्ती शुरू हुई। चेन्नई पहुंचने पर, उन्होंने एक-दूसरे का नंबर लिया और रोजाना बातें करने लगे। बाद में, अजय की नौकरी की वजह से रिया भी बैंगलोर आ गई, और उनकी दोस्ती और भी गहरी हो गई। लेकिन एक दिन रिया को अपने पिता की तबियत खराब होने की वजह से चंडीगढ़ वापस लौटना पड़ा। इसके बाद, रिया और अजय के बीच कोई संपर्क नहीं रहा। आठ साल बीत जाने के बाद, अजय को रिया की कोई खबर नहीं मिली, और वह अक्सर उनकी यादों में खो जाता है। रिया भी अपने दिल में अजय को याद करती है, लेकिन अब उनकी मुलाकात मुमकिन नहीं है। कहानी इस बात पर खत्म होती है कि वे दोनों एक-दूसरे को खुश रहने की कामना करते हैं, भले ही वे अब अजनबी बन चुके हैं। रेल का सफर Satender_tiwari_brokenwordS द्वारा हिंदी यात्रा विशेष 5.9k 4.1k Downloads 17.5k Views Writen by Satender_tiwari_brokenwordS Category यात्रा विशेष पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ये कहानी काल्पनिक हैं और इसके किरदार भी काल्पनिक हैं।किरदार - दो अजनबी दोस्त रिया और अजय।।कहानी ???? पढ़कर बताएँ कैसी लगी।।------------------------------------------------------------------रीति और अजय दो दोस्तों की कहानी है ये।जिनकी दोस्ती एक रेल के सफर के दौरान हुई थी। आज कई सालों के बाद दोनों फिर रेल गाड़ी में है लेकिन साथ नही और अगर कुछ साथ है तो बस सिर्फ यादें और उन्हीं यादों को अपने साथ मे बैठे यात्रियों को अपनी दोस्ती की कहानी सुनाते हैं। ******************************************रीति,-----" बात आज से दस साल पहले की है जब मैं चंडीगढ़ से More Likes This कांचा - भाग 2 द्वारा Raj Phulware अंतरा - भाग 1 द्वारा Raj Phulware संस्कृति का पथिक - 1 द्वारा Deepak Bundela Arymoulik सत्रह बरस की तन्हा कहानी - 1 द्वारा yafshu love कलकत्ता यात्रा (प्रथम संस्मरण ) द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी वक़्त की क़ैद: ऐत-बेनहद्दू की दीवारों में जो दबा है - 1 द्वारा Tiths Empire भोले के द्वार तक द्वारा kajal Thakur अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी