मेकिंग आफ बबीता सोलंकी Geeta Shri द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें सामाजिक कहानियां किताबें मेकिंग आफ बबीता सोलंकी मेकिंग आफ बबीता सोलंकी Geeta Shri द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 872 2k “अरे..सब एक साथ उठ कर चल दिए। मैं अकेला रहूंगा अभी से...कोई एक तो रुको, मेरा जाम खत्म हो जाए, फिर चले जाना। ये रिवाज नहीं महफिल का...” बूढीं आखों में मिन्नतें चमकीं। आवाज लरज रही थी। जैसे सांझ लिपटी ...और पढ़ेहो, लड़खड़ाती हुई, रात की तरफ बढती हुई. हथेलियां कंपकंपाती हुई उनकी तरफ बढीं। किसी ने नहीं थामा उन्हें। किसी की बस छूट रही थी. किसी को लिफ्ट मिल रही थी और किसी को अपने घर की जल्दी थी। उस शाम सिर्फ चार लोग थे, चाचा जी समेत। ज्यादा रात नहीं हुई थी, फिर भी सबको जल्दी थी। एक घंटे की मुलाकात में जिन्हें जो हासिल करना था, कर लिया था। कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Geeta Shri फॉलो