इस लेख में लेखक यशवंत कोठारी हिंदी व्यंग्य में पीढ़ियों के बीच के अंतराल पर अपने विचार प्रकट करते हैं। वे बताते हैं कि नई पीढ़ी की रचनाएँ अद्भुत हैं, लेकिन तकनीकी प्रगति और तेज़ी से बदलते समय के चलते पुरानी पीढ़ी की मेहनत और रचनात्मक स्वतंत्रता की कमी महसूस होती है। उन्होंने उल्लेख किया कि पहले के व्यंग्यकारों जैसे शरद जोशी, हरिशंकर परसाई और रविंद्रनाथ त्यागी ने अपने अनुभवों और विचारों को स्वतंत्रता से व्यक्त किया, जबकि आज की पीढ़ी को वही आज़ादी नहीं मिलती। कोठारी का कहना है कि आज के लेखक अधिकतर सेल्फ-पब्लिशिंग के जरिए अपने काम को प्रकाशित कर रहे हैं, जिससे उनकी रचनात्मकता में कमी आ रही है। वे इस बात पर भी चिंता जताते हैं कि आजकल राजनीतिक व्यंग्य लिखना खतरनाक हो गया है और विचारधारा पर खुलकर लिखने का साहस नहीं रहा। लेख में यह भी कहा गया है कि वर्तमान में रचनाएँ एक ही प्रकार की हो गई हैं और संपादकीय सेंसरशिप ने लेखकों की स्वतंत्रता को सीमित कर दिया है। कुल मिलाकर, कोठारी पीढ़ियों के बीच की इस खाई को उजागर करते हुए पुरानी पीढ़ी की रचनात्मक स्वतंत्रता की सराहना करते हैं। अफसर का अभिनन्दन - 19 Yashvant Kothari द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 3 2.9k Downloads 9.3k Views Writen by Yashvant Kothari Category हास्य कथाएं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण हिंदी -व्यंग्य में पीढ़ियों का अन्तराल यशवंत कोठारी काफी समय से हिंदी व्यंग्य का पाठक हूँ .अन्य भाषाओँ की रचनाएँ भी पढता रहता हूँ .उर्दू,गुजराती , मराठी ,अंग्रेजी व राजस्थानी में भी पढने के प्रयास किया है.पिछले कुछ वर्षों में हिंदी में नई पीढ़ी कमाल का लिख रहीं है.यहीं हाल अन्य भाषाओँ में भी है.टेक्नोलॉजी भी अपना कमाल दिखा रही है.तकनीक के हथियार के साथ लोग हुंकार भर रहे हैं ,पुरानों को कोई पढने की आवश्यकता नहीं समझता .पुराने लोगों ने बहुत मेहनत की,आजकल फटाफट का ज़माना है.शरद जोशी ने कुछ समय ही नौकरी की फिर फ्री लान्सिंग,परसाई जी Novels अफसर का अभिनन्दन कामदेव के वाण और प्रजातंत्र के खतरे यशवन्त कोठारी होली का प्राचीन संदर्भ ढूंढने निकला तो लगा कि बसंत के आगमन के साथ ही चारों तरफ कामदेव अपने वा... More Likes This Check-In हुआ, Check-Out नहीं! - अध्याय 3 द्वारा Sakshi Devkule मोहब्बत की दास्तान - 1 द्वारा Vishal Saini शोसल मीडिया और भगवत प्रसाद - 1 द्वारा saif Ansari हास्यास्त्र भाग–१ द्वारा Bhaveshkumar K Chudasama थ्री बेस्ट फॉरेवर - 1 द्वारा Kaju मैं मंच हूँ द्वारा Dr Mukesh Aseemit प्यार बेशुमार - भाग 8 द्वारा Aarushi Thakur अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी