कहानी "सैलाब" में पावनी की शादी रामू से होती है, और वह एक संयुक्त परिवार की बहू बन जाती है। नौकरी के दौरान, पावनी ने शतायु की शिक्षा का पूरा ध्यान रखा, लेकिन जब उसे नौकरी छोड़नी पड़ती है, तो शतायु को रामू से पैसे मांगने पड़ते हैं, जो उसे अच्छा नहीं लगता। शतायु खुद को अकेला और हारा हुआ महसूस करने लगता है, और पावनी के बोझ के बढ़ते देखकर वह उससे अलग होने का सोचने लगता है। इसके बाद, शतायु अपने जन्मस्थल लौट आता है, जहाँ उसे बेबे मिलती हैं, जो अपने बेटे को खो चुकी हैं। दोनों एक-दूसरे के दुख में सहारा बन जाते हैं। पावनी शतायु को बेबे के पास छोड़कर ससुराल लौट जाती है, लेकिन वह उसे आर्थिक मदद भेजती रहती है और मिलने आती है। पावनी अपने विचारों में उलझी हुई है कि क्यों महिलाओं को हमेशा संस्कार और संस्कृति की सीमाओं में बंधकर जीना पड़ता है। वह अपने जीवन की वीरानी को देखकर इसे बदलने का संकल्प करती है और एक गुमनाम मौत से बचना चाहती है। कहानी में स्त्री की आंतरिक संघर्ष और सामाजिक दबावों के खिलाफ उनकी लड़ाई का चित्रण किया गया है। सैलाब - 9 Lata tejeswar renuka द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 12 3.7k Downloads 7.7k Views Writen by Lata tejeswar renuka Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कुछ साल बीत गये और पावनी की शादी रामू से हो गयी। पावनी एक संयुक्त परिवार की बहू बन गयी। जब तक नौकरी करती थी तब तक शतायु को पढ़ाने-लिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी मगर जैसे ही उसे नौकरी छोड़नी पड़ी शतायु की पढ़ाई के लिए उसे रामु के सामने हाथ फ़ैलाने पड़े यह बात शतायु को बिल्कुल अच्छी नहीं लगती थी। अपनी खुद्दारी के कारण शतायु को रामू से फीस भरवाना नागवार था। पावनी फिर भी अपनी थी जिसे वह माँ जैसा प्यार करता था। इसलिए पावनी का रामु से पैसा लेना शतायु को अच्छा नहीं लगता था। Novels सैलाब ये कहानी भारत के सबसे बड़े और दर्दनाक हादसे - भोपाल गैस कांड को केंद्रित करके लिखी गयी है। इस कहानी को मैने अपने पति को. तेजेश्वर जी के द्वारा प्रेरित... More Likes This रुह... - भाग 8 द्वारा Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 द्वारा Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी