कहानी "मायामृग" में शुभ्रा नाम की एक युवती की दृष्टि से समाज में विदेश जाने की चाहत और उसके पीछे के दिखावे पर विचार किया गया है। जब शुभ्रा के बड़े भाई विदेश गए, तो परिवार में हंगामा मच गया, जैसे कि वे कोई बड़ा पद हासिल करने गए हों। शुभ्रा को यह दिखावा खटका और उसने देखा कि कैसे लोग विदेश जाकर बसने को लेकर जुनूनी हैं, जबकि वहाँ की मेहनत और संघर्ष को नजरअंदाज किया जाता है। गुजरात में, जहाँ शुभ्रा का परिवार है, 'एन.आर.आई' होने का एक अलग रुतबा है, लेकिन लोग अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं। शुभ्रा को यह बात पसंद आई कि वहाँ के लोग अपनी परंपराओं को भूलते नहीं हैं। उसकी सोच में, युवाओं को मिल रही स्वतंत्रता पर उसे गर्व है, लेकिन वह यह भी महसूस करती है कि लड़कियों को उतनी स्वतंत्रता नहीं मिलती। शुभ्रा एक शिक्षित परिवार से है और उसने दिल्ली और उत्तर प्रदेश में शिक्षा प्राप्त की है, लेकिन जिस शहर में वह रहती है, वहाँ का वातावरण बहुत ही अंधविश्वासी और दकियानूसी है। लड़कियों के प्रति भेदभाव और उनके साथ हो रहे अत्याचार उसकी चिंता का विषय हैं। उसकी माँ, जो शिक्षिका हैं, हमेशा शुभ्रा को इस वातावरण से बचाने की कोशिश करती हैं। हालांकि, परिवार में लड़कों और लड़कियों के प्रति समानता का भाव है, फिर भी शुभ्रा की स्वतंत्रता की चाहत और समाज की वास्तविकता के बीच एक संघर्ष बना हुआ है। मायामृग - 3 Pranava Bharti द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 1.8k 2.9k Downloads 6k Views Writen by Pranava Bharti Category प्रेम कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण उदय के बड़े भाई साहब जब विदेश गए थे तब ऐसा हंगामा उठा मानो विदेश में कहीं राष्ट्रपति बनकर गए हों इतना दिखावा कि बस खीज आने लगती शुभ्रा को, चाहे विदेश में जाकर मजदूरी ही करते हों लोग लेकिन विदेश में जाकर बसना ---यानि गधे के सिर पर सींग उग आना वैसे बड़े भाई साहब तो ‘व्हाइट कॉलर जॉब’ पर गए थे जबकि विदेश जाने के लिए उन दिनों लोग कितनी-कितनी परेशानियाँ झेलने के लिए तैयार होते थे और मेहनत–मज़दूरी करने के लिए तैयार रहते, कहीं न कहीं से पैसे का इंतजाम करते, चाहे ज़मीन-जायदाद क्यों न बेचनी पड़ जाए Novels मायामृग यूँ तो सब ज़िंदगी की असलियत से परिचित हैं, सब जानते हैं मनुष्य के जन्म के साथ ही उसके जाने का समय भी विधाता ने जन्म के साथ ही जाने का समय भी लिखकर भीतर... More Likes This पहली नजर का पहला प्यार द्वारा PAYAL PARDHI कुछ पल अनजाने से - भाग 1 द्वारा Gunjan Banshiwal मैं तेरे प्यार में पागल - 1 द्वारा Bharti 007 चाहत -ए- तपिश - 1 द्वारा Unicorngirl दिल का रिश्ता - 1 द्वारा soni मैं बिखरा नहीं......बस बदल गया - 1 द्वारा vikram kori Mafiya Boss - 1 द्वारा PAYAL PARDHI अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी