मन्नू की वह एक रात - 13 Pradeep Shrivastava द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें प्रेम कथाएँ किताबें मन्नू की वह एक रात - 13 मन्नू की वह एक रात - 13 Pradeep Shrivastava द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ (27) 3.5k 2.1k यह सोचते-सोचते मुझे हर तरफ से ज़िंदगी में अंधेरा ही अंधेरा नजर आ रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे वह चुड़ैल मुझ पर हंस रही है कि देख तेरा आदमी मेरे तलवे चाट रहा है, छीन लिया ...और पढ़ेउसे तुझसे, तू मूर्ख है, हारी हुई बेवकूफ औरत है। मैं बेड पर एक कोने में बैठी घुटने में सिर दिए यह सोचते-सोचते रोने लगी। भावनाओं में डूबती-उतराती मेरे रोने की आवाज़़ कब तेज होकर ऊपर चीनू तक पहुँचने लगी मैं जान नहीं पाई। पता मुझे तब चला जब वह आकर आगे खड़ा हो गया और चुप कराते हुए बोला, कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें मन्नू की वह एक रात - उपन्यास Pradeep Shrivastava द्वारा हिंदी - प्रेम कथाएँ (660) 85.9k 63.6k Free Novels by Pradeep Shrivastava अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Pradeep Shrivastava फॉलो