कहानी "पल जो यूँ गुज़रे" में जाह्नवी एक रेस्ट हाउस में पहुंचती है, लेकिन रात की एक दुर्घटना ने उसे मानसिक रूप से परेशान कर रखा है। वह नहाने और तैयार होने की कोशिश करती है, जबकि उसे अपने दोस्तों अनुराग और श्रद्धा से फोन पर बात करनी होती है। अनुराग और श्रद्धा उसे देखने आते हैं और उसकी स्थिति को लेकर चिंतित होते हैं। श्रद्धा उसकी भलाई के लिए प्रार्थना करती है और उसे अपने साथ चलने का सुझाव देती है। जाह्नवी अपने भाई निर्मल के आने की बात करती है, जो उसके साथ मिलकर आगे की योजना बनाने का सोचते हैं। अनुराग उसे सलाह देता है कि उन्हें उच्च अधिकारियों से मिलना चाहिए। जब निर्मल छुट्टी के लिए आवेदन देता है, तो पहले डायरेक्टर उसे मना करते हैं, लेकिन जब वह जाह्नवी की घटना के बारे में बताता है, तो डायरेक्टर उसकी छुट्टी मंजूर कर देते हैं। कहानी में जाह्नवी की मानसिक स्थिति, परिवार और मित्रों के सहयोग, तथा उच्च अधिकारियों से मिलने की आवश्यकता को दर्शाया गया है। पल जो यूँ गुज़रे - 27 - लास्ट पार्ट Lajpat Rai Garg द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 12 2.5k Downloads 8.7k Views Writen by Lajpat Rai Garg Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण जाह्नवी आ तो गयी रेस्ट हाउस, परन्तु रात की घटना या कहें कि दुर्घटना अभी भी उसके दिलो—दिमाग पर छाई हुई होने के कारण, उसे इस जगह अब एक—एक पल बिताना भारी लग रहा था, फिर भी नहाना—धोना तो था ही और तैयार भी होना था। यह सब कुछ करने से पहले उसने ड्राईंग—रूम में जाकर टेलिफोन चैक किया, टेलिफोन काम कर रहा था। उसने अनुराग और डायरेक्टर पुलिस अकादमी, माऊँट आबू के नाम कॉल बुक करवाये। शिमला अनुराग से दो—तीन मिनट में ही बात हो गई, किन्तु माऊँट आबू की कॉल में समय लगता देख उसने चौकीदार को वहाँ बिठाया और स्वयं रूम में आकर तैयार होने लगी। Novels पल जो यूँ गुज़रे अपना आखिरी पीरियड लगाने के बाद जैसे ही निर्मल ने डिपार्टमेंट से बाहर कदम बढ़ाये कि उसका सामना बेमौसम की बारिश की हल्की—हल्की बूँदों से हुआ। इसकी परवाह... More Likes This रुह... - भाग 8 द्वारा Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 द्वारा Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी