इस कहानी में निर्मल एक सर्दी की रात को सिरसा पहुंचता है। वह रिक्शा में यात्रा करते हुए तीव्र ठंड का सामना करता है। घर पहुंचने पर, उसे अपने परिवार का स्वागत मिलता है, जहां कमला उसकी बहन है। निर्मल अपने पिता परमानंद से मिलता है, जो उसकी दोस्त जाह्नवी के पिता के निधन के बारे में पूछते हैं। जाह्नवी के पिता का निधन हार्ट अटैक से हुआ है, और उसकी माँ पहले ही गुजर चुकी है। निर्मल की माँ, सावित्री, रसोई में चपातियाँ बना रही हैं और जाह्नवी के बारे में पूछती हैं। वह बताती है कि जाह्नवी का भाई और भाभी उसकी अच्छी देखभाल कर रहे हैं। बातचीत के दौरान, निर्मल का भाई बंटू घर नहीं आ सका है, लेकिन वह कभी-कभार फोन करता है। सावित्री निर्मल से थोड़ी नाराजगी जताती है कि वह फोन नहीं करता। खाना खाने के बाद, निर्मल अपने कमरे में जाता है, और कमला भी उसके पीछे आती है, यह पूछते हुए कि क्या वह अपनी चारपाई वहां रख सकती है। कहानी में पारिवारिक संबंधों, दुःख, और आपसी सहयोग की भावना को दर्शाया गया है। पल जो यूँ गुज़रे - 13 Lajpat Rai Garg द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 12 2.9k Downloads 7k Views Writen by Lajpat Rai Garg Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण जब निर्मल सिरसा पहुँचा तो रात हो गयी थी। सर्दियों की रात। कृष्ण पक्ष की द्वादश और कोहरे का आतंक। रिक्शा पर आते हुए तीव्र शीत लहर उसकी हडि्डयों को चीरती हुई बह रही थी। स्ट्रीट—लाईट्स भी जैसे कृपण हो गयी थीं अपनी रोशनी देने में। गली में घुप्प अँधेरा था, कोई भी दिखाई नहीं दे रहा था, लेकिन घर पहुँचा तो सब घर पर थे। परमानन्द भी दुकान बन्द करके घर आ चुका था। रिक्शावाला जब सेब की पेटी निर्मल के साथ घर के अन्दर रखने गया तो कमला ही सामने मिली। सेब की पेटी देखकर बोली — ‘नमस्ते भाई।.....अरे वाह, एक और पेटी सेब, सीधे बाग से!' Novels पल जो यूँ गुज़रे अपना आखिरी पीरियड लगाने के बाद जैसे ही निर्मल ने डिपार्टमेंट से बाहर कदम बढ़ाये कि उसका सामना बेमौसम की बारिश की हल्की—हल्की बूँदों से हुआ। इसकी परवाह... More Likes This गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari BTS ??? - 4 द्वारा Black डॉ. बी.आर. अंबेडकर जीवन परिचय - 1 द्वारा Miss Chhoti चाय के किस्से - 1 द्वारा Rohan Beniwal एक रात - एक पहेली - पार्ट 1 द्वारा Kaushik Dave कल्पतरु - ज्ञान की छाया - 3 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) क्या तुम मुझे छोड़ दोगे - भाग - 1 द्वारा Ratna Pandey अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी