यह कहानी प्राकृतिक दृश्यों और मानवीय भावनाओं का एक समागम है। पहले भाग में बारिश, बिजली, और बादलों के बीच की सुंदरता को दर्शाया गया है। बारिश की बूंदें चेहरे पर गिरती हैं, जिससे यादों की एक श्रृंखला जाग उठती है। यह जीवन की उमंग और नए सवेरे के स्वागत का प्रतीक है। दूसरे भाग में सूर्य की ऊर्जा और जीवन की जागरूकता का महत्व बताया गया है। यह प्रेरणा देता है कि आलस्य को छोड़कर जीवन के हर पल को जीना चाहिए। तीसरे भाग में मुस्कुराहट और प्रेम का जिक्र है, जहां एक-दूसरे के प्रति भावनाओं का आदान-प्रदान होता है। यह जीवन के सुखद पलों को संजोने की प्रेरणा देता है। चौथे भाग में बारिश के दौरान एक खास चेहरे का जिक्र है, जो एक गहरे प्रेम और तन्हाई की भावना को उजागर करता है। यह पल जीवन की खूबसूरती और प्रेम की गहराई का प्रतीक है। अंत में, पीपल की पत्तियों के माध्यम से ज्ञान और जीवन के चक्र का वर्णन किया गया है, जो मानव के अच्छे और बुरे कर्मों पर नज़र रखती हैं। यह जीवन की निरंतरता और प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी को दर्शाता है। कुल मिलाकर, यह कहानी जीवन के विभिन्न पहलुओं, प्रेम, और प्रकृति के साथ हमारे संबंधों को बयां करती है। अल्हड़ Mukteshwar Prasad Singh द्वारा हिंदी कविता 521 2.2k Downloads 8.5k Views Writen by Mukteshwar Prasad Singh Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण तेज छिटकती बिजलीबादलों की गडगडाहटहवा के झूले पर डोलतीवारिस की बूंदें आ बैठती हैचेहरे पर।जलकणों से भीगता रोम रोम और सांसेंउतावली।बार बार तेज चमक से चौंकचुंधियाती आंखें मूंद जाती हैं बरबसमूंदी आंखों के झरोखों में सज गयी हैंवरषों की यादें जो ढंकी थी अरसों सेजलबूंदों से सिंचित सजीव हो गयी हैं।फैलने लगे हैं हाथछूने को बिछरे हाथ।भींगी रात की गहराई से झांकतीउमंगों भरी हंसीमचल जाता है बाहों में समाने कोबावली।2जीवन जागरणनित पूरब से पश्चिम तक आता जाता सूरज,मानव को जगा जगा कर उर्जा देता सूरज ,सदियों से प्रभात जागरण दुहराता है।जीवन में भरने उल्लास निस दिन आता है ।रे मनुष्य More Likes This जिंदगी संघर्ष से सुकून तक कविताएं - 1 द्वारा Kuldeep Singh पर्यावरण पर गीत – हरा-भरा रखो ये जग सारा द्वारा Poonam Kumari My Shayari Book - 2 द्वारा Roshan baiplawat मेरे शब्द ( संग्रह ) द्वारा Apurv Adarsh स्याही के शब्द - 1 द्वारा Deepak Bundela Arymoulik अदृश्य त्याग अर्धांगिनी - 1 द्वारा archana ग़ज़ल - सहारा में चल के देखते हैं - प्रस्तावना द्वारा alka agrwal raj अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी