"बाटला हाउस" फिल्म 2008 में दिल्ली के जामिया नगर के बाटला हाउस एनकाउंटर पर आधारित है। कहानी की शुरुआत 13 सितंबर 2008 को होती है, जब दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के अधिकारी संजीव कुमार यादव (जॉन अब्राहम) अपनी टीम के साथ एक सीरियल बम ब्लास्ट की जांच के लिए बाटला हाउस पहुंचते हैं। वहां उनकी मुठभेड़ इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकियों से होती है, जिसमें दो संदिग्धों और पुलिस अफसर के. के. (रवि किशन) की मौत हो जाती है। इस मुठभेड़ के बाद देशभर में आक्रोश फैल जाता है और पुलिस पर बेकसूर छात्रों को निशाना बनाने का आरोप लगाया जाता है। मीडिया और राजनीतिक पार्टियां संजीव को जिम्मेदार ठहराती हैं, जिससे पुलिस विभाग के अधिकारी मानसिक तनाव का सामना करते हैं। संजीव को पोस्ट-ट्रॉमैटिक डिसॉर्डर का सामना करना पड़ता है और उसका वैवाहिक जीवन भी संकट में आ जाता है। फिल्म में जॉन अब्राहम का अभिनय सराहनीय है, खासकर जब वे कुरान की आयत समझाते हैं या कोर्ट रूम में अपनी स्पीच देते हैं। निर्देशन निखिल आडवाणी ने गंभीर विषय को उठाया है, लेकिन कहानी में मनोरंजन की कमी महसूस होती है। फिल्म में वास्तविक फुटेज का इस्तेमाल किया गया है और कोर्टरूम के दृश्य भी प्रभावशाली हैं। हालांकि, संवाद और निर्देशन औसत स्तर के हैं। कुल मिलाकर, "बाटला हाउस" एक गंभीर और विचार-provoking फिल्म है, जो पुलिस विभाग की जटिलताओं और सामाजिक मुद्दों को दर्शाती है। फिल्म रिव्यू बाटला हाउस Mayur Patel द्वारा हिंदी फिल्म समीक्षा 53 2.8k Downloads 11.8k Views Writen by Mayur Patel Category फिल्म समीक्षा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण 13 सितंबर 2008 को दिल्ली में हुए सीरियल बोम्ब ब्लास्ट की जांच के लिए दिल्ली पुलिस के स्पेशियल सेल के ओफिसर संजीव कुमार यादव (जॉन अब्राहम) अपनी टीम के साथ बाटला हाउस की इमारत की तीसरी मंजिल पर पहुंचते हैं. वहां इंडियन मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकियों के साथ पुलिस की मुठभेड़ होती है और Novels फिल्म रिव्यू - मयूर पटेल फिल्म रिव्यू – ‘ठग्स ओफ हिन्दोस्तान’… दर्शको को वाकइ में ठग लेगी ये वाहियात फिल्म कई सालों से ये होता चला आ रहा है की दिवाली के त्योहार पर रिलिज हुई... More Likes This फिल्म समीक्षा द डिप्लोमेट द्वारा S Sinha सिल्वरस्क्रीन के गोल्डन ब्वॉयज़ - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil नंबर वन कौन? वहीदा रहमान या शर्मिला टैगोर द्वारा Prabodh Kumar Govil बॉलीवुड vs हॉलीवुड द्वारा S Sinha फिल्म रिव्यू - Bad Newz द्वारा S Sinha Mr. and Mrs Mahi - फिल्म समीक्षा द्वारा S Sinha Jawan द्वारा Nikhil Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी