छाया और उसकी बहन के बीच एक बातचीत होती है जिसमें बहन छाया के बढ़ते वजन के बारे में पूछती है। छाया बताती है कि वह पिछले दिनों कहीं नहीं गई, इसी कारण उसका वजन बढ़ गया है। उनकी मां छाया को याद दिलाती हैं कि उसका विवाह हुए पांच साल हो चुके हैं और उसे इस दिशा में सोचना चाहिए। छाया बताती है कि वह संजय के साथ बच्चों के बारे में कोई निर्णय नहीं लेना चाहती, क्योंकि वह और संजय दोनों इस विषय पर चिंतित हैं। छाया का छः साल का भांजा चिंटू उससे बहुत प्यार करता है और दोनों मिलकर खेलते हैं। चिंटू के साथ समय बिताते हुए छाया को लगता है कि वह भी संजय के साथ आगे बढ़ना चाहती है, लेकिन संजय इस मोड़ पर ऐसा कोई निर्णय नहीं लेना चाहते। संजय अक्सर छाया को समझाते हैं कि उनकी उम्र में बच्चे लाने के बारे में सोचना सही नहीं है। छाया संजय से कहती है कि वे जनवरी में रामेश्वरम जाने का प्लान बना रहे हैं, क्योंकि शादी के बाद वे कहीं नहीं गए हैं। छाया रामेश्वरम में अपने पूर्व के वादे को पूरा करना चाहती है और वहां जाकर अपने पिता और पति के लिए प्रार्थना करती है। 17 जनवरी को, अपने पिता के जन्मदिन पर, वह रामेश्वरम में दर्शन करती है और अपनी इच्छाओं को भगवान के सामने रखती है। अपना अंश Amita Joshi द्वारा हिंदी लघुकथा 7.8k 2k Downloads 7.7k Views Writen by Amita Joshi Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण "छाया,तुम्हारा पेट कुछ भारी भारी सा लग रहा है,कहीं कोई गुड़ न्यूज़ तो नहीं सुनाने वाली हो"।"अरे,ऐसा कुछ नहीं है दीदी ,बस पिछले दिनों घूमने नही गए तो वजन बढ़ गया ", छाया ने मुस्कुराते हुए कहा। "वैैैसे तुम्हारे विवाह को पांच साल हो गए हैं ,अब जल्दी इस दिशा में भी सोच लो",मां ने समझाया ।"जी मां,मन तो मेरा भी है पर इस उम्र में इतना आसान भी नहीं है । और फिर संजय जी भी ऐसा कोई निर्णय नहीं लेना चाहते जो भविष्य में सबके लिए दुुखदाई हो ।और फिर दीदी का शैतान चिंटू है न हम More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी