band gale ka blauz book and story is written by Dipak Raval in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. band gale ka blauz is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. बंद गले का ब्लाउज Dipak Raval द्वारा हिंदी लघुकथा 22 1.6k Downloads 10.2k Views Writen by Dipak Raval Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ‘बंद गले का ब्लाउज’ -दीपक रावल (मूल गुजराती से अनुवाद – मदनमोहन शर्मा) बालूभाई कब से बेचैन थे. आज लीला ने क्यों देरी की होगी ?रोजाना तो समय से आ जाती है. शंका – कुशंकावश बेचैनी बढ़ रही थी. चहलकदमी करने के बाद वे आराम-कुर्सी में बैठ गए. उनकी नज़र सामने के घर पर गई. नारण अखबार पढ़ रहा था. उसने बाबुभाई को देखा तो अजीब सा हंस दिया. बालूभाई ने मुह घुमा लिया. उन्हें नारायण का मुह नहीं सुहाता. हरामखोर....साला. जब भी हँसता है तो मुंह टेढ़ा कर लुच्चाई से हँसता है. पिछले कुछ दिनों से तो .....शायद उसने More Likes This सनातन - 2 द्वारा अशोक असफल वो यादगार लम्हे, वो सच्ची दोस्ती द्वारा R B Chavda दादीमा की कहानियाँ - 2 द्वारा Ashish My Devil Hubby Rebirth Love - 46 द्वारा Naaz Zehra अकेलापन द्वारा Kahani Sangrah मझली दीदी द्वारा S Sinha बुजुर्गो का आशिष - 2 द्वारा Ashish अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी