रात का सन्नाटा था और शिवानन्द जी और सुलेखा जी बिस्तर पर जाग रहे थे। शिवानन्द जी ने करवट बदली तो सुलेखा जी ने पूछा कि क्या उन्हें नींद नहीं आ रही। इसी दौरान, शिवानन्द जी ने बाहर कुछ आवाज सुनी और डंडा संभालकर बाहर देखने की कोशिश की। उन्होंने लाइट जलाकर बाहर देखा, लेकिन कोई छाया दौड़ती हुई दिखाई दी और वह भाग गई। चौकीदार आया, लेकिन उसने कुछ नहीं देखा। शिवानन्द जी ने सुलेखा जी का हाथ पकड़ा और दोनों अंदर चले गए। नींद दूर थी और दोनों करवटें लेते रहे। आखिरकार, उन्हें नींद आ गई। जब उनकी नींद टूटी, तो सुलेखा जी ने दूधवाले को देखा और दूध ले आईं। उन्होंने चाय बनाई, जबकि शिवानन्द जी भी तैयार हो रहे थे। सुलेखा जी के घुटनों में दर्द था और शिवानन्द जी भी दर्द महसूस कर रहे थे, लेकिन दोनों एक-दूसरे का साथ देने में लगे रहे। Yatharth Ki Jhadiyan Yogesh Kanava द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 2 2.1k Downloads 7.8k Views Writen by Yogesh Kanava Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण रात का सन्नाटा पसरा था । एकदम शान्त माहोल, घड़ी की टिक टिक के अलावा कुछ भी आवाज़ नहीं, बस यूं समझिए कि घड़ी मुस्तैदी से अपनी ड््यूटी पर तैनात है सैकण्ड दर सैकण्ड अपना चक्कर पूरा करती, बिना किसी से कुछ कहे, बिना किसी शिकायत के । शिवानन्द जी ने करवट बदली तो बगल में ही सो रही सुलेखा जी ने पूछा क्यों क्या हुआ नींद नहीं आ रही क्या ? मेरी छोड़ो तुम्हें कहां आ रही है तुम भी तो जग ही रही हो । शिवानन्द जी बोल पड़े । जैसे ही शिवानन्द जी ने बोला तो बाहर More Likes This रुह... - भाग 8 द्वारा Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 द्वारा Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी