अधूरी ख्वाहिश Roopanjali singh parmar द्वारा नाटक में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें नाटक किताबें अधूरी ख्वाहिश अधूरी ख्वाहिश Roopanjali singh parmar द्वारा हिंदी नाटक (11) 1.9k 15.3k वो बस दोस्त बनना चाहती थी और बन गई .. भगवान से जैसे उसे सब कुछ मिल गया.. एक मन माँगी मुराद जो पूरी हो गई...........कनक नाम है इसका.. एक आम सी लड़की,जिसकी ख्वाहिशें बहुत कम थी.. बहुत ज़्यादा ...और पढ़ेहमेशा समझौता किया था अपने अरमानों से, या यह कहना चाहिए कि उसने अपनी ज़िंदगी की सबसे बड़ी ख्वाहिश से ही समझौता कर लिया था।मनन उसके कॉलेज में ही पढ़ता था। जिसे कनक दिल ही दिल में प्यार करती थी, पर कह नहीं पाई क्योंकि उसके लिए प्यार लफ्ज़ पर ही यकीन करना बहुत मुश्किल था।इसलिए नहीं कि कभी किसी कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें अधूरी ख्वाहिश अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Roopanjali singh parmar फॉलो