नैन्सी, जो कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से 'एम फील' की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुकी है, ने अपने शोध में भारतीय संस्कृति के ब्रिटिश राज के दौरान के पहलुओं का अध्ययन किया। इस प्रक्रिया में उसने भारतीय इतिहास, धर्म, कला, और राजाओं-रानियों के बारे में गहरी जानकारी प्राप्त की। पढ़ाई के बाद, वह भारत की यात्रा के लिए उत्सुक हो गई और अपने परिवार से अनुमति लेने के लिए चर्चा करने लगी। नैन्सी के पिता, रामसन, गुआयना में एक प्रसिद्ध ऑटोमोबाइल कंपनी के मालिक हैं और वे अपनी बेटी को कंपनी का पीआरओ बनाना चाहते थे। लेकिन जब नैन्सी ने भारत जाने की इच्छा व्यक्त की, तो रामसन चुप हो गए। उनके बेटे कृसिनसन ने रामसन से पूछा कि वह किस बात को याद कर रहे हैं। उन्होंने अपने दादा की बात याद की, जो उन्हें कहा करते थे कि भारत जाने से ही उनकी आत्मा को शांति मिलेगी, क्योंकि उनके दादा का भारतीय रक्त बह रहा था। रामसन ने बताया कि उनके दादा रणजीत सिंह एक भारतीय सिपाही थे, जिन्होंने 1857 के विद्रोह में भाग लिया था और अंग्रेजों द्वारा गिरफ्तार कर लिए गए थे। उन्हें अंडमान निकोबार की सेलुलर जेल में भेजा गया था। वहाँ से, रणजीत सिंह को इंग्लैंड भेजा जा रहा था, जहाँ वे एक विधवा महिला माग्रेट से मिले, जो उसी जहाज पर थी। यह यादें नैन्सी और कृसिनसन के लिए भारत के प्रति उनके दादा की प्रेम कहानी को उजागर करती हैं। मेरा गाँव मेरा देश Mukteshwar Prasad Singh द्वारा हिंदी क्लासिक कहानियां 2 2k Downloads 10.5k Views Writen by Mukteshwar Prasad Singh Category क्लासिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मेरा गाँव मेरा देशनैनसी कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से ’एम फील’ की परीक्षा उत्तीर्ण कर गयी। उसका शोध का विषय था ’’इण्डियन कल्चर ड्यूरिंग ब्रिटिश राइन’’। शोध-पत्र तैयार करने के क्रम में नैनी को सम्पूर्ण इतिहास पढ़ने और जानने को मिला। भारत की धर्म-संस्कृति, कला, राजे-महराजे, उनकी वीरांगना रानियों, किले, महलों, झीलों, अस्त्रों-शस्त्रों के बारे में काफी कुछ जानकारियां मिलीं। पढ़ाई के दौरान नैनसी की अभिरुचि भारत के प्रति गहरी होती गयी। पढ़ाई समाप्त होते ही भारत को अपनी आंखों से देखने के लिए उतावली हो गयी।नैनसी लंदन से गुआयना के जार्ज टाउन आ More Likes This रुह... - भाग 7 द्वारा Komal Talati कश्मीर भारत का एक अटूट हिस्सा - भाग 1 द्वारा Chanchal Tapsyam बीते समय की रेखा - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil टीस - पहली बार देखा था उसे - 1 द्वारा Shayar KK Shrivastava एहसास - भाग 1 द्वारा Vartikareena क्या यही है पहला प्यार? भाग -1 द्वारा anmol sushil त्रास खनन - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी