इस कहानी में बताया गया है कि पेड़ और पशु जैसे प्राकृतिक संसाधन हमारी अनदेखी का शिकार हो रहे हैं, और औद्योगिकीकरण पर सवाल उठाए जाते हैं। लेखक का मानना है कि औद्योगिकीकरण गलत नहीं है, क्योंकि इसके कारण समाज में सुधार आया है, लेकिन यह आवश्यक है कि पर्यावरण का ध्यान रखा जाए। उद्योगपतियों को प्रदूषण को रोकने के लिए उचित प्रबंध करने चाहिए, लेकिन ऐसा अक्सर नहीं होता। लोग कागजी स्तर पर ही पर्यावरण की रक्षा करते हैं, और शिकायत करने में असमर्थ होते हैं। लेखक यह भी बताता है कि लोग अंधविश्वास में पड़े रहते हैं और भगवान के लिए पैसे खर्च करते हैं, जो कि अजीब है। वे सोचते हैं कि पत्थर के भगवान उनकी मदद कर सकते हैं, और इस पर सवाल उठाते हैं कि क्या यह बिनती करना है या घूस देना। अंत में, लेखक यह विचार करता है कि आदमी की चतुराई पर भी विचार करना चाहिए, क्योंकि आजकल कम पैसे में कोई काम नहीं करता। यह कहानी समाज के विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के लिए प्रेरित करती है। भय और आडम्बर का प्रचार - पर्यावरण पर खतरा - 4 Lakshmi Narayan Panna द्वारा हिंदी प्रेरक कथा 5 2.6k Downloads 10.8k Views Writen by Lakshmi Narayan Panna Category प्रेरक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण वह पेड़ जो हमें जीवनदायक ऑक्सीजन देता है , जो हमें आश्रय व भोजन देती है , वह प्रकृति , जो हमें दूध व अन्य विभिन्न वस्तुएं देते हैं वे पशु हमारी अनदेखी का शिकार हो रहे हैं । तब मेरे मन में एक प्रश्न यह भी जन्म लेता है कि क्या यह औधोगिकीकरण गलत है ?......continuePart-4 Nature in Dangerजीवन के सभी पहलुओं को देखने पर समझ आया की औद्योगिकीकरण गलत नही है । इसके कारण ही तो समाजिक जीवन में सुधार आया है । अतः औद्योगिकीकरण अति आवश्यक है । बस इतना ध्यान रखना चाहिए कि मुनाफ़े के चक्कर में पर्यावरण Novels भय और आडम्बर का प्रचार मर गया पत्थर-दिल इन्शान( यह लेख लेखक के जीवन में घटित विभिन्न घटनाओं , लेखक के भीतर व्याप्त भय और भ्रम के विभिन्न दृश्यों को चित्रत करता है । लेखक का... More Likes This जादुई मुंदरी - 1 द्वारा Darkness दस महाविद्या साधना - 1 द्वारा Darkness श्री गुरु नानक देव जी - 1 द्वारा Singh Pams शब्दों का बोझ - 1 द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR नारद भक्ति सूत्र - 13. कर्म फल का त्याग द्वारा Radhey Shreemali कोशिश - अंधेरे से जिंदगी के उजाले तक - 3 - (अंतिम भाग) द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR काफला यूँ ही चलता रहा - 1 द्वारा Neeraj Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी