मनचाहा - 14 V Dhruva द्वारा उपन्यास प्रकरण में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें उपन्यास प्रकरण किताबें मनचाहा - 14 मनचाहा - 14 V Dhruva द्वारा हिंदी उपन्यास प्रकरण (34) 2.8k 1.8k निशा- ओह..! थेंक्यू चन्टु.. love u beta...♥️ दीदी कहने के लिए वरना आजकल के बच्चे सीधा आंटी बोल देते है। सेतुभाभी- अच्छा ये बताओ क्या लेंगे? ठंडा, गरम या कुछ नमकीन? निशा- कुछ नहीं भाभी। हम कोलेज से कोफि ...और पढ़ेआए हैं। सेतुभाभी- एसा नहीं चलेगा, कुछ तो लेना ही पड़ेगा। पाखि तु बोल कुछ। मैं- भाभी आप पौहे बना दिजिए। निशा- अरे नहीं पाखि रहने दो ना। मैं- तू एक बार भाभी के हाथ के पौहे खाले फिर बार-बार स्पेशियली खाने आएगी। भाभी आप वही बना दिजिए हम उपर कमरे में फ्रेश होने जाते हैं। उपर कमरे में आकर कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें मनचाहा - उपन्यास V Dhruva द्वारा हिंदी - उपन्यास प्रकरण (1.7k) 125.3k 99.2k Free Novels by V Dhruva अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ V Dhruva फॉलो