यह कहानी "खूँटे" के भाग 2 में एक गहरी भावनात्मक यात्रा का वर्णन किया गया है। कहानी में नायिका, जो अपनी दादी और गाँव के अन्य लोगों के साथ समय बिता रही है, अपनी भावनाओं और संघर्षों को व्यक्त करती है। कहानी की शुरुआत एक अलाव के चारों ओर होती है, जहाँ गाँव के लोग गर्मी का आनंद ले रहे हैं। नायिका और शिवा एक यात्रा पर निकलते हैं, जो उनके पुराने और नए खूँटों के बीच के संबंध को दर्शाता है। यह यात्रा उन्हें अपने गाँव और वहाँ की यादों की ओर ले जाती है, जहाँ वे अपने अतीत को महसूस करते हैं। नायिका की भावनाएँ गहराई से व्यक्त की गई हैं, जैसे कि वह विदाई के समय अपने आँसू और दर्द को महसूस करती है। वह अपनी दादी और अन्य महिलाओं के साथ की बातचीत को भी याद करती है, जिसमें पारिवारिक और सामाजिक अपेक्षाएँ शामिल हैं। नायिका का संघर्ष स्वतंत्रता और परंपरा के बीच के द्वंद्व को दर्शाता है, जहाँ वह अपनी इच्छाओं को व्यक्त करना चाहती है, लेकिन परिवार की अपेक्षाओं के दबाव में है। कहानी में समय, यादें, और पारिवारिक संबंधों की जटिलता को बखूबी दर्शाया गया है, जो इसे एक गहन और संवेदनशील अनुभव बनाता है। खूँटे - 2 Kusum Bhatt द्वारा हिंदी लघुकथा 590 2.2k Downloads 5.3k Views Writen by Kusum Bhatt Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण दूसरी तरफ वह जगह इस पर रामदेई नानी जिसे हम छोटी नानी कहते अलाव जलाया करती थी जाड़े के दिनांे पूरा गांव आकर घेर लेता था अलाव... आँच से दहकते चेहरे बतरस बांटने एक दूसरे से गोया... इतने भीगे आनन्द से कि पहाड़ की पथरीली जिन्दगी होने लगती पलक झपकते ही सेमल फूल सी हलकी। ‘‘ऊपर चढ़ नंदिनी...’’ शिवा भी अब खंगालने को उत्सुक है... कल नीम अंधेरे में मैंने इस यात्रा की सरगोशी की थी तो वह चिहुँकने लगी थी - बंजर हुए रास्ते पर पिरूल हटाते चलेंगे तो शाम हो जायेगी...।’’ उसी की सलाह पर अब सुबह पौ फटने से पहले हमारी यात्रा शुरू हुई थी... Novels खूँटे ‘‘मुझे हवा के घूँट पीने हैं....’’ आवाज झमक कर चेतना में गिरती है... सफेद पिलपिले हाथों से चेहरा घुमाने लगा है बेताल - सीधे..... ‘‘लिजलिजे स्पृश के बोझ... More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी