ख़्वाबगाह - 8 Suraj Prakash द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें फिक्शन कहानी किताबें ख़्वाबगाह - 8 Khwabgah - 8 book and story is written by Suraj Prakash in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Khwabgah - 8 is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. ख़्वाबगाह - 8 Suraj Prakash द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी (22) 2k 9.1k ख़्वाबगाह में जब मैंने पहली बार सारी घंटियां बजती सुनीं तो मेरी सांस एकदम तेज हो गयी थी। मैंने बेशक दुल्हन की तरह भारी गहने और साड़ी वगैरह नहीं पहने थे लेकिन मेकअप और पहनी हुई लाल साड़ी में ...और पढ़ेकिसी दुल्हन से कम नहीं लग रही थी। गहनों का सेट पहना ही था। मुझे सचमुच यह अहसास हो रहा था कि ये मेरी सुहाग रात है। बेशक विनय मेरा पति नहीं था। मैं अपने दोस्त का अनुरोध मान कर यह बाना धारण करके खड़ी थी। दुनिया का आठवां अजूबा घट रहा था। शादी के बाद दोस्त के साथ सुहाग रात। पति के होते हुए। कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें ख़्वाबगाह - 8 ख़्वाबगाह - उपन्यास Suraj Prakash द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी (299) 39k 90.1k Free Novels by Suraj Prakash अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी