51) जन्म के समय हमारे बाल सफेद नहीं होते और न ही हमारा शरीर बड़ा होता है। यह दर्शाता है कि हर चीज परिवर्तनशील है। कई लोग परिवर्तनों के साथ तालमेल बैठाने में कठिनाई महसूस करते हैं। लोगों को आदतें बनाए रखना पसंद है, लेकिन जब परिस्थितियाँ बदलती हैं, तो समायोजन करना आवश्यक है। गरीब व्यक्ति नए हालात में जल्दी ढल जाता है, जबकि अमीर व्यक्ति के लिए यह कठिन होता है। यदि हम परिवर्तनों को स्वीकार करना सीख लें, तो समस्याएँ कम हो जाएँगी। 52) हम अक्सर भ्रष्टाचार की निंदा करते हैं, लेकिन जब जरूरत होती है, तो खुद भी भ्रष्टाचार में संलग्न हो जाते हैं। यह सोचने की जरूरत है कि हमारे इस व्यवहार के कारण ही भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। भ्रष्टाचार का उन्मूलन आसान नहीं है, लेकिन छोटे-छोटे बदलावों से शुरुआत की जा सकती है। धैर्यपूर्वक प्रयास करने से ही हम भ्रष्टाचार से मुक्ति पा सकते हैं, अन्यथा हमारी संतानों को भी इसके लिए संघर्ष करना पड़ेगा। 53) शहर की व्यस्तता में जीना कठिन है और हम अमर्यादित जीवन नहीं जी सकते। शहर के जीवन से परेशान होकर जब हम गाँव जाते हैं, तो वहाँ की कठिनाइयाँ हमें परेशान करती हैं। हर दिन को खुशनुमा बनाने के लिए हमें परिस्थितियों को स्वीकार करना होगा और सकारात्मक दृष्टिकोण रखना होगा। फ्यू -फाइन्ड इटर्निटी विदिन - क्योंकि लाइफ की ऐसी की तैसी न हो - भाग-7 Sanjay V Shah द्वारा हिंदी प्रेरक कथा 1 1.8k Downloads 5.7k Views Writen by Sanjay V Shah Category प्रेरक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण 51) जब हमारा जन्म होता है, तब हमारे बाल सफेद नहीं होते हैं और न ही हमारा शरीर पाँच या छह फुट लम्बा होता है। शरीर के ढांचे की तरह इस दुनिया की प्रत्येक वस्तु परिवर्तन के आधीन है। जो बदलती नहीं है, वह सत्य नहीं है, स्पष्ट नहीं है। कई व्यक्तियों को अलग-अलग स्थितियों के साथ स्वयं का तालमेल बैठाने में तकलीफ होती है। रोज रात्रि में जिस बिस्तर पर लेटकर सो जाते हैं, सुबह वह बिस्तर और वह जगह न मिले तो तब कई लोगों की नींद हराम हो जाती है। यह लेखक ऐसे कई लोगों को जानता Novels फ्यू -फाइन्ड इटर्निटी विदिन फ्यू -फाइन्ड इटर्निटी विदिन A collection of liveable thoughts © Sanjay V. Shah प्रथम संस्करण जनवरी, 2019 मूल्य 80.00 डिजाइन, प्रकाशक मांगर... More Likes This जादुई मुंदरी - 1 द्वारा Darkness दस महाविद्या साधना - 1 द्वारा Darkness श्री गुरु नानक देव जी - 1 द्वारा Singh Pams शब्दों का बोझ - 1 द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR नारद भक्ति सूत्र - 13. कर्म फल का त्याग द्वारा Radhey Shreemali कोशिश - अंधेरे से जिंदगी के उजाले तक - 3 - (अंतिम भाग) द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR काफला यूँ ही चलता रहा - 1 द्वारा Neeraj Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी