जीत और वफ़ाई एक सुंदर घाटी में सूरज के अस्त होते हुए दृश्य का आनंद ले रहे हैं। वफ़ाई उस दृश्य की प्रशंसा कर रही है, लेकिन जीत मौन है और बस सूरज को देखता है। वफ़ाई जीत की इस चुप्पी से चिढ़ जाती है और उसे कुछ बोलने के लिए कहती है, लेकिन जीत उसे चुप करवा देता है। सूरज धीरे-धीरे घाटी में उतरता है और अंततः ओझल हो जाता है। वफ़ाई जीत की ओर देखती है, लेकिन जीत अभी भी अपने विचारों में खोया हुआ है। वफ़ाई को यह महसूस होता है कि वह जीत से दूर हो रही है, इसलिए वह जीत का हाथ पकड़ लेती है। जीत वफ़ाई से पूछता है कि वह क्या कर रही है, और वफ़ाई बताती है कि वह एक भटके हुए यात्री को संभाल रही है। दोनों के बीच बातचीत होती है, जहाँ वफ़ाई जीत से सूर्य के अस्त होने के अनुभव के बारे में पूछती है। जीत उस दृश्य को अद्भुत और आनंददायक बताता है। दोनों एक-दूसरे के साथ अपने अनुभवों को साझा करते हैं। वफ़ाई ने इस यात्रा में अपने कैमरे और अन्य कला सामग्री को गाँव भेज दिया है, जिस पर जीत आश्चर्य करता है। वफ़ाई बताती है कि उसने इन क्षणों को अपने दिल में उतार लिया है, जो जीवनभर उसके साथ रहेंगे। वफ़ाई जीत की बातों का उल्लेख करते हुए कहती है कि कैमरे की छवि आभासी होती है, जबकि दिल में जी लेने से वह छवि स्वाभाविक और शाश्वत बन जाती है। इस प्रकार, वे दोनों जीवन के क्षणों को महसूस करने और संजोने की महत्ता को समझते हैं। हिम स्पर्श - 74 Vrajesh Shashikant Dave द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 3.6k 2.2k Downloads 6.3k Views Writen by Vrajesh Shashikant Dave Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण 74 “जीत, कितना मनोहर है न यह द्रश्य? सूरज का इस तरह अस्त होना। चारों दिशाओं में हिम से आच्छादित पर्वत हो। नयनरमय घाटी हो। रंग बदलता सूरज हो।” वफ़ाई बोले जा रही थी। जीत ने कोई प्रत्युत्तर नहीं दिया। वह बस सूरज को, घाटी को और क्षितिज के रंगों को देखता रहा। वफ़ाई चिढ़ गई,“जीत, कुछ बोलो ना, कुछ कहो ना। तुम मेरी बात सुन रहे हो ना?” “शी...श....श..।” जीत ने वफ़ाई के अधरों पर उँगलियाँ रख दी। वफ़ाई मौन हो गई। जीत की भांति वह भी अस्त होते सूरज को देखती रही। धीरे धीरे सूरज और गहरी घाटी Novels हिम स्पर्श जब बर्फ की एक युवती मरुभूमि में एक युवक से मिलती है तो .. तो जो घटनाएँ घटती है , वह क्या है युवती तस्वीर पत्रकार है तो युवक चित्रकार। दोनों के बीच... More Likes This Operation Mirror - 3 द्वारा bhagwat singh naruka DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 द्वारा Anipayadav वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN क्लियोपेट्रा और मार्क एंथनी द्वारा इशरत हिदायत ख़ान अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी