कहानी "छूटी गलियाँ" में राहुल अपनी माँ को पहली बार रोते हुए देखता है, और यह उसके लिए एक नया अनुभव होता है। माँ की भावनाएँ उलझी हुई हैं, और वह अपने आँसुओं के माध्यम से अपने भीतर की बेबसी को व्यक्त करती हैं। राहुल उसे सांत्वना देने की कोशिश करता है, लेकिन वह खुद भी असमंजस में है। माँ को राहुल के सामने अपनी कमजोरियों को उजागर करने का डर है, लेकिन वह जानती है कि उसे अपने बेटे को सच बताना होगा। वह राहुल को उसके पिता के बारे में बताती हैं, जिसमें पापा की दूसरी शादी और उनके वापस न आने का उल्लेख है। राहुल के मासूम सवालों से उसकी चिंता और अकेलेपन का डर स्पष्ट होता है। कहानी इस संघर्ष को दर्शाती है कि कैसे माँ अपने बेटे को कठिन सच्चाइयों का सामना कराती है ताकि वह मजबूत बन सके, जबकि राहुल अपने पिता के प्रति प्रेम और असुरक्षा के बीच झूल रहा है। छूटी गलियाँ - 19 Kavita Verma द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 28 2.1k Downloads 6.4k Views Writen by Kavita Verma Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण राहुल हतप्रभ था उसने खुद को मुझसे छुड़ाया, मुझे सोफे पर बैठाया और कुछ देर तक मेरे कंधे पर हाथ रखे बस खड़ा ही रह गया। ये संभवतः पहली बार था जब वह अपनी मम्मी को रोते हुए देख रहा था। हालांकि पिछले तीन सालों में मैं दबे छुपे कई बार आँसू बहा चुकी थी लेकिन शायद हर बार थोड़ा सा गुबार शेष रह जाता था जो आज सारे बाँध तोड़ कर बह निकला और इसी के साथ मेरी बेबसी राहुल के सामने सैलाब सी बह रही थी। जिसमे राहुल डूब उतरा कर कोई थाह पाने की कोशिश कर रहा था, जो उसे किचन में दिखी वह दौड़ कर पानी ले आया। आँसुओं का आवेग कम हो गया था लेकिन मेरी विवशता अब भी मेरे चेहरे पर चिपकी थी। मैंने धीरे से नज़रें उठा कर राहुल की ओर देखा, उसने मेरा सिर अपने सीने से लगा लिया, उसकी हथेलियों का स्नेहिल स्पर्श मुझे सांत्वना दे रहा था। Novels छूटी गलियाँ शाम होते ही मुझे घर में अकेलापन खाने को दौड़ता है इसलिए कॉलोनी के पार्क की ओर चल देता हूँ। आज भी शाम से ही पार्क में आ गया दो तीन चक्कर लगाये थक गया तो... More Likes This सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 1 द्वारा Kaushik Dave बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 2 द्वारा Maya Hanchate Lunar Blood - 2 द्वारा Sameer Kumar पतझड़ के बाद - एक सच्चा इंतजार - 1 द्वारा Neha kariyaal एक अंधे मोहब्बत की एक अंधेरी कहानी - 1 द्वारा Zulekha Ansari मैं अनिका हूँ - और अब पूरी हूँ - 1 द्वारा Aarti w यशस्विनी - 1 द्वारा Dr Yogendra Kumar Pandey अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी