कहानी करन जोहर की है, जो अपनी ब्लॉकबस्टर फिल्मों के बावजूद संजय लीला भंसाली जैसी महाकाव्यात्मक फिल्में बनाने की ख्वाहिश रखते थे। उन्होंने 'कलंक' नामक फिल्म का निर्माण किया, जो अपने शीर्षक के अनुरूप कलंकित साबित हुई। फिल्म की कहानी 1945 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के पहले की है, जिसमें बलराज चौधरी और उनके बेटे देव के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है। देव की पत्नी सत्या अपने पति की भलाई के लिए उसकी शादी रूप से कराती है, लेकिन रूप को पति का प्यार नहीं मिलता और वह जफर के प्रेम में पड़ जाती है। फिल्म जात-पात और धर्म से ऊपर प्यार को महत्व देती है, लेकिन इसका स्क्रीनप्ले ढीला और बोरिंग है। अधिकांश किरदार गंभीर और नाटकीय हैं, जबकि कुछ डायलॉग्स अच्छे हैं। वरुण धवन का किरदार थोड़ा असंगत लगता है, क्योंकि वह एक अनपढ़ लोहार होते हुए भी शायराना बातें करता है। फिल्म में केवल एक सीन है जो दर्शकों को मुस्कुराने पर मजबूर करता है, बाकी सब कुछ बोझिल और निराशाजनक लगता है। अंत में, फिल्म एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाती है, लेकिन इसकी प्रस्तुति कमजोर है। कलंक’ फिल्म रिव्यू Mayur Patel द्वारा हिंदी फिल्म समीक्षा 56.7k 4k Downloads 13.2k Views Writen by Mayur Patel Category फिल्म समीक्षा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण एक था करन जोहर. बडी बडी ब्लोकबस्टर फिल्मों का निर्देशन और निर्माण करके खूब पैसा बटोरने और भारतीय दर्शकों का खासा मनोरंजन करने के बावजूद कई बार वो अपने इन्टर्व्यू में कहेता था की, ‘मैं क्यूं ‘बर्फी’ जैसी क्लासिक फिल्में नहीं बना सकता? संजय लीला भणसाली बनाते है वैसी भव्य, मेग्नमओपस फिल्में मैं क्यूं नहीं बना सकता?’ तो जनाब जोहर ने आखिर तय कर ही लिया की अब मैं भी भणसाली बनके दिखाउंगा, मैं भी एक एसी महा…न फिल्म बनाउंगा की दर्शक देखते रह जाएंगे..! तो उन्होंने प्रोड्युस की ‘कलंक’. कैसी है ये मल्टीस्टारर फ़िल्म? संजय लीला भंसाली की फिल्मों जैसी दिखने वाली 'कलंक' क्या सच में भंसाली की फिल्मों जितनी दमदार है? एक साथ 3 हिट फिल्म देने वाली आलिया-वरुण की जोड़ी का जादू क्या फिर एक बार दर्शको पर चलेगा? चलिए जानते है फिल्म के रिव्यू के जरीए. रिव्यू पढने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें… Novels फिल्म रिव्यू - मयूर पटेल फिल्म रिव्यू – ‘ठग्स ओफ हिन्दोस्तान’… दर्शको को वाकइ में ठग लेगी ये वाहियात फिल्म कई सालों से ये होता चला आ रहा है की दिवाली के त्योहार पर रिलिज हुई... More Likes This पती पत्नी और वो - भाग 1 द्वारा Raj Phulware टीपू सुल्तान नायक या खलनायक ? - 9 द्वारा Ayesha फिल्म समीक्षा द डिप्लोमेट द्वारा S Sinha सिल्वरस्क्रीन के गोल्डन ब्वॉयज़ - 1 द्वारा Prabodh Kumar Govil नंबर वन कौन? वहीदा रहमान या शर्मिला टैगोर द्वारा Prabodh Kumar Govil बॉलीवुड vs हॉलीवुड द्वारा S Sinha फिल्म रिव्यू - Bad Newz द्वारा S Sinha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी