इस कहानी में प्रदीप श्रीवास्तव ने एक जनहित याचिका के माध्यम से समाज सेवा का कार्य शुरू किया है। उन्होंने कुछ प्रश्न और शर्तें तैयार कीं, जिन्हें उन्होंने एक सहयोगी से बातचीत में रखा। धीरे-धीरे उनकी टीम के सदस्यों की संख्या बढ़ने लगी और शंपा नामक एक सदस्य ने अपनी प्रभावशाली भाषण कला से सभी को प्रभावित किया। शंपा ने गरीबों और महिलाओं की स्थिति पर एक सम्मेलन में बोलने का अवसर प्राप्त किया, जिसमें वह संगठन की संयोजक के रूप में शामिल हुईं। वह इस मंच पर आत्मविश्वास के साथ पहुंची और अपने विचार व्यक्त किए। कहानी में यह भी दिखाया गया है कि कैसे शंपा ने अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव महसूस किया और अपने को एक नई दुनिया में पाया, जहां उसे संभावनाएं नजर आईं। उन्होंने समीर से कहा कि उन्होंने उसके विश्वास को तोड़ने का आश्वासन दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि शंपा अब अपने मिशन के प्रति दृढ़ संकल्पित है। मेरी जनहित याचिका - 8 Pradeep Shrivastava द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 6 2.8k Downloads 9.1k Views Writen by Pradeep Shrivastava Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण दो दिन बाद वह फिर आने वाले थे तो हमने चिंतन-मनन कर कुछ प्रश्न, कुछ शर्तें तैयार कीं। उनसे पूछने के लिए। वह जब आए तो हमने अपने प्रश्न किए। जिसके उन्होंने संतोषजनक उत्तर दिए। हमने कहा कि भविष्य में या कभी भी कोई शर्त नहीं रखी जाएगी कि यह काम ऐसे किया जाएगा या वैसे। इसे शामिल कर लें या इसे हटा दें। यह बातें भी जब वह थोड़े ना-नुकुर के बाद मान गए तो हमने चंदा लेना स्वीकार कर लिया। पहले महीने चंदा इतना मिला कि काम को आगे बढ़ाने में आर्थिक समस्या ना आई। लिटरेचर को छपने के लिए दे दिया गया। हम दोनों ने सोचा कि इन लोगों से कहीं बीच में एक कार्यालय खुलवाने की व्यवस्था करने की बात कही जाएगी। Novels मेरी जनहित याचिका आम की बाग को आखिरी बार देखने पूरा परिवार गया था। मेरा वहां जाने का मन बिल्कुल नहीं था। मां-पिता जिन्हें हम पापा-अम्मा कहते थे, की जिद थी तो चला गया। प... More Likes This काठगोदाम की गर्मियाँ - 1 द्वारा DHIRENDRA BISHT DHiR Dastane - ishq - 1 द्वारा Tanya Gauniyal Rent A Soul ?? - 2 द्वारा Goku अंधकार का देवता - 1 द्वारा Goku सर्वथा मौलिक चिंतन - भाग 1 द्वारा Brijmohan sharma मेरा रक्षक - भाग 1 द्वारा ekshayra अम्मा का मटकी भर सोना और प्लेनचिट - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी