मेरी जनहित याचिका - 8 Pradeep Shrivastava द्वारा उपन्यास प्रकरण में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें उपन्यास प्रकरण किताबें मेरी जनहित याचिका - 8 मेरी जनहित याचिका - 8 Pradeep Shrivastava द्वारा हिंदी उपन्यास प्रकरण 925 1.5k दो दिन बाद वह फिर आने वाले थे तो हमने चिंतन-मनन कर कुछ प्रश्न, कुछ शर्तें तैयार कीं। उनसे पूछने के लिए। वह जब आए तो हमने अपने प्रश्न किए। जिसके उन्होंने संतोषजनक उत्तर दिए। हमने कहा कि भविष्य ...और पढ़ेया कभी भी कोई शर्त नहीं रखी जाएगी कि यह काम ऐसे किया जाएगा या वैसे। इसे शामिल कर लें या इसे हटा दें। यह बातें भी जब वह थोड़े ना-नुकुर के बाद मान गए तो हमने चंदा लेना स्वीकार कर लिया। पहले महीने चंदा इतना मिला कि काम को आगे बढ़ाने में आर्थिक समस्या ना आई। लिटरेचर को छपने के लिए दे दिया गया। हम दोनों ने सोचा कि इन लोगों से कहीं बीच में एक कार्यालय खुलवाने की व्यवस्था करने की बात कही जाएगी। कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें मेरी जनहित याचिका - उपन्यास Pradeep Shrivastava द्वारा हिंदी - उपन्यास प्रकरण (70) 15.8k 23.7k Free Novels by Pradeep Shrivastava अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Pradeep Shrivastava फॉलो