फेक न्यूज़, या झूठी खबरें, आज के समय में एक बड़ी समस्या बन गई हैं। यह समस्या केवल सरकारों और राजनीतिक पार्टियों के लिए नहीं, बल्कि आम लोगों के लिए भी चिंता का विषय है। ऐतिहासिक रूप से, फेक न्यूज़ का इस्तेमाल युद्ध और प्रेम में किया जाता रहा है, लेकिन सोशल मीडिया की बढ़ती लोकप्रियता के कारण यह अब और भी विकराल हो गई है। चुनावों के दौरान, फेक न्यूज़ हार-जीत के फैसले प्रभावित कर रही है, और इसकी वजह से झूठी सूचनाएं तेजी से फैल रही हैं। फेक न्यूज़ के साथ-साथ प्लांटेड न्यूज़ भी एक गंभीर चिंता का विषय है, जिसमें बड़े उद्योग और सरकारें शामिल होती हैं। इन फर्जी सूचनाओं का प्रसार व्यक्तिगत स्वार्थों और राजनीतिक लाभ के लिए किया जाता है। हाल के उदाहरणों में राफेल और बोफोर्स मुद्दे शामिल हैं, जहां फेक न्यूज़ की सत्यता की जांच की जा रही है। चुनाव के समय में, मीडिया फेक न्यूज़ और पेड न्यूज़ का सहारा लेकर राजनीतिक दलों की छवि को बढ़ाने में मदद करता है। सोशल मीडिया प्लेटफार्मों जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक, और ट्विटर पर फेक न्यूज़ तेजी से फैलती है, जो कई बार दंगे और हिंसा का कारण बनती है। इस समस्या का समाधान कैसे किया जाए, इस पर विचार किया जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई निश्चित परिभाषा या उपाय नहीं है। फेक न्यूज़ को रोका जाना आवश्यक है, क्योंकि यह समाज में विभाजन और विवाद उत्पन्न कर सकती है। फेक न्यूज़ के खतरें हज़ार Yashwant Kothari द्वारा हिंदी पत्रिका 3 3.2k Downloads 14.3k Views Writen by Yashwant Kothari Category पत्रिका पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण फेक न्यूज़ याने झूठीं ख़बरों के बड़े खतरे यशवंत कोठारी फेक न्यूज़ के खतरे सर पर चढ़ कर बोलने लगे हैं. क्या सरकार ,क्या पार्टियाँ और क्या चुनाव लड़ने वाले सब के सब इस महा मारी से डरे हुयें हैं. यह कोई पहली बार नहीं है की फेक न्यूज़ ने अपना रूप दिखाया है.महाभारत के युद्ध में युद्धिष्ठिर ने अश्व्थामा की मृत्यु का झूठा प्रचार कर द्रोणाचार्य को अर्जुन के हाथों मरवा दिया था.बाद के दिनों में भी युद्ध और प्रेम के लिए फेक न्यूज़ का सहारा लेना एक आम बात हो गयी.लेकिन वर्तमान समय में सोशल मीडिया के More Likes This कल्पतरु - ज्ञान की छाया - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) नव कलेंडर वर्ष-2025 - भाग 1 द्वारा nand lal mani tripathi कुछ तो मिलेगा? द्वारा Ashish आओ कुछ पाए हम द्वारा Ashish जरूरी था - 2 द्वारा Komal Mehta गुजरात में स्वत्तन्त्रता प्राप्ति के बाद का महिला लेखन - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha अंतर्मन (दैनंदिनी पत्रिका) - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी