हिना Ved Prakash Tyagi द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें लघुकथा किताबें हिना हिना Ved Prakash Tyagi द्वारा हिंदी लघुकथा (30) 528 1.6k हिना खूबसूरत हिना को पत्नी रूप में पाकर सुहैल बहुत खुश था, दिल्ली में रंजीत नगर के तीन कमरों वाले फ्लैट में अपनी गृहस्थी की शुरुआत की। “”अब तो पूरा हफ्ता गुजर गया, कब तक छुट्टी करोगे, आज नहीं ...और पढ़ेकल, काम पर तो जाना ही पड़ेगा, कमाओगे नहीं तो खाएँगे क्या? हिना ने सुहैल को समझाना चाहा........ “हिना मेरी जान! तुम इतनी खूबसूयत हो कि तुम्हें छोड़ कर जाने का मन ही नहीं करता, दिन रात तुम्हारे पास रहकर भी दिल नहीं भरता, ना जाने कैसी प्यास है, कुआं मेरे पास है फिर भी मेरे प्यार की प्यास नहीं कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Ved Prakash Tyagi फॉलो