bechare purusho ka dard koun smjhe ? book and story is written by Mangi in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. bechare purusho ka dard koun smjhe ? is also popular in Magazine in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. बेचारे पुरुषों का दर्द कौन समझे ? Mangi द्वारा हिंदी पत्रिका 7 3k Downloads 9.6k Views Writen by Mangi Category पत्रिका पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मैं जैसे ही ऑफिस में लंच के लिए बैठा तो फोन रनकने लगा ! देखा तो, बॉस का कॉल । अरे, उसे कॉल क्यो कहु ? आफ़त की पुड़िया कहु तो ही बेहतर होगा । सुबह में कॉलेज और घर की भागमदौड़ी के बिच आज फिर ऑफिस में लेट हो गया । चलो लेट हो गया, कोई बात नही पर ऊपरवाला भी न, मेरे साथ ही खेल खेलता है । रोज मैं कॉलेज का एक लेक्चर बंक करके ऑफिस जल्दी आता हु तो बॉस लेट आता है और आज जब मैं लेट आया तो, देखो बॉस जल्दी आ More Likes This कुछ तो मिलेगा? द्वारा Ashish आओ कुछ पाए हम द्वारा Ashish जरूरी था - 2 द्वारा Komal Mehta गुजरात में स्वत्तन्त्रता प्राप्ति के बाद का महिला लेखन - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha अंतर्मन (दैनंदिनी पत्रिका) - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) गलतफहमी - भाग 1 द्वारा Sonali Rawat बॉलीवुड के भूले बिसरे संगीतकार और उनके गाने - 1 द्वारा S Sinha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी