Sadakchhap - 15 New book and story is written by dilip kumar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Sadakchhap - 15 New is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. सड़कछाप - 15 New dilip kumar द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 12 3.7k Downloads 8.5k Views Writen by dilip kumar Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अमरेश ने नींव की खुदाई शुरू कराके अपने नाना की शरण ली। उनसे पांच हजार की मदद मांगी और ये भी कहा कि ये मदद नहीं बल्कि उधार होगा और हालात माफिक होते ही वो इस रकम को लौटा देगा। उसकी मौसियों, मौसों के प्रखर विरोध के बावजूद लोकपाल तिवारी ने साहस करते हुए सबके सामने उसे दो हजार और अकेले में पांच सौ रुपये देते हुए कहा”इसे लौटाने की जरूरत नहीं है, जाओ अपना काम बनाओ, विजयी भव बेटा”। ज़िन्दगी पल-पल रंग बदल रही थी कल तक जिस नाना को लेकर उसके मन में तमाम कड़वाहट थी अब वही उसको एक बेबस बुजुर्ग नजर आने लगे। सत्यनारायण की पूजा करके उसने नींव पर ईंट जोड़कर घर के काम का श्रीगणेश कर दिया। अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी