अमरेश और उसकी माँ सरोजा लोकपाल तिवारी के घर रहने लगे हैं, जबकि सरोजा ने अपनी खेती बटाई पर दे दी है। सरोजा समय-समय पर अपने ससुराल जाती है, जबकि अमरेश प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई कर रहा है। कुछ महीनों बाद, सरोजा की बहनें प्रेमा और किरन अपने पतियों के साथ यहाँ स्थायी रूप से रहने लगीं। दोनों दामाद, प्रेमा के पति प्रकाश और किरन के पति राजकुमार, अमरेश के प्रति लोकपाल की बढ़ती सहानभूति से चिंतित हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि अमरेश को वारिस मान लिया जाएगा। प्रेमा और किरन अब सरोजा और अमरेश से ईर्ष्या करने लगी हैं, क्योंकि सरोजा की संपत्ति सुरक्षित है। घर में कामकाज के लिए संघर्ष शुरू हो गया है, और प्रेमा और किरन ने अपने व्यक्तिगत खर्चों के लिए गायें बांट ली हैं। अमरेश स्कूल से लौटकर मवेशियों की देखभाल करता है, जबकि उसकी फीस उसके नाना देते हैं। इस बीच, पारिवारिक तनाव और संघर्ष बढ़ता जा रहा है। सड़कछाप - 4 dilip kumar द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 21 2.6k Downloads 7.4k Views Writen by dilip kumar Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अमरेश और उसकी माँ सरोजा अब लोकपाल तिवारी के घर आकर रहने लगे थे। सरोजा ने अपने हिस्से की खेती बटाई दे दी थी। सरोजा हर महीने-दो महीने पर अपने ससुराल चली जाती और वहां की हाल-खबर ले आती। अमरेश फिर से अपने नाना के गांव इमलिया में प्राइवेट स्कूल में पढ़ने लगा। कुछ ही महीनों बाद उसकी दोनों मौसियों ने स्थायी डेरा जमा लिया अपने पति के साथ। सरोजा की दोनों बहनें प्रेमा और किरन पिता के घर डट गयीं। प्रेमा के पति का भी प्रकाश था और किरन के पति का नाम राजकुमार था। दोनों ही कहीं ना कहीं रोजी -रोटी के लिये हाथ-पांव मार रहे थे। लेकिन अमरेश के स्थायी रूप से इमिलिया रहने पर और लोकपाल तिवारी की अमरेश के प्रति बढ़ती सहानभूति और आसक्ति से दोनों दामाद बहुत आशंकित थे। Novels सड़कछाप सर्दियों की सुबह, शीतलहर से समूचा उत्तर भारत कांप रहा था। चरिंद-परिन्द सब हल्कान थे कुदरत के इस कहर से। कई दिनों से सूर्य देवता ने दर्शन नहीं दिये थे... More Likes This रंग है रवाभाई ! द्वारा Chaudhary Viral बाजी किस ने प्यार की जीती या हारी - 1 द्वारा S Sinha समुंद्र के उस पार - 1 द्वारा Neha kariyaal जग्या लॉस्ट हिज़ वीरा - भाग 2 द्वारा Jagmal Dhanda इश्क की लाइब्रेरी। - 1 द्वारा Maya Hanchate फोकटिया - 1 द्वारा DHIRENDRA SINGH BISHT DHiR सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 1 द्वारा Kaushik Dave अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी