ग्वालियर का किला, जिसे भारत का जिब्राल्टर भी कहा जाता है, पर जाने का प्लान बनाते हैं। लेखक और उसका दोस्त युवी दोपहर में किले के मुख्य दरवाजे पर पहुंचते हैं और पैदल चढ़ाई शुरू करते हैं। चढ़ाई कठिन होती है, और युवी मजाक करता है। किले के ऊपरी द्वार पर पहुंचकर वे टिकट लेकर अंदर जाते हैं और मान सिंह महल देखते हैं, जो स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है। महल के अंदर, उन्हें कम टूरिस्ट मिलते हैं, और वे अकेले महसूस करते हैं। लेखक को डर लगने लगता है, लेकिन युवी हंसते हुए उसे सांत्वना देता है। वे महल की सीढ़ियों से नीचे जाते हैं, जहां लेखक ग्वालियर किले के इतिहास के बारे में युवी को बताने लगती है। वह उसे केसर कुंड के बारे में बताती है, जहां राजा मान सिंह की रानियां नहाती थीं। युवी मजाक करते हुए कहता है कि वह उसके लिए भी एक कुंड बनवाएगा। फिर लेखक युवी से राजा मान सिंह और मृगनयनी की प्रेम कहानी सुनाने लगती है, लेकिन तभी उन्हें किसी के आने की आहट सुनाई देती है। लेखक डर जाती है और युवी से कहती है कि वे ऊपर चलें, लेकिन युवी उसे शांत करने की कोशिश करता है। कहानी इस डर और जिज्ञासा के साथ समाप्त होती है। अतृप्त आत्मा भाग -1 pratibha singh द्वारा हिंदी डरावनी कहानी 48.9k 5.4k Downloads 18.8k Views Writen by pratibha singh Category डरावनी कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ग्वालियर का किला अपने में बेजोड़ है , इसे भारत का जिब्राल्टर भी कहते हैं । आज हमने ग्वालियर किले पे जाने का प्लान बनाया था , मैं और युवी करीब दोपहर के तीन बजे किले के मुख्य दरवाजे पर पहुँचे , अब यहां से आगे की चढ़ाई हमे पैदल ही चढ़नी थी । किले की चढ़ाई काफी ऊँची और सीधी है , चढ़ते चढ़ते मेरा दम फूलने लगा , तो युवी को चिढ़ाने का मौका मिल गया कहने लगा "लो तुम्हारी सांस तो इतने में ही फूलने लगा केसी राजपूत हो" मैं कोई जवाब ना दे आगे बढ़ती रही Novels अतृप्त आत्मा ग्वालियर का किला अपने में बेजोड़ है , इसे भारत का जिब्राल्टर भी कहते हैं । आज हमने ग्वालियर किले पे जाने का प्लान बनाया था , मैं और युवी करीब दोपहर के... More Likes This भ्रम राक्षस। - 1 द्वारा Ravi Bhanushali Salmon Demon - 1 द्वारा Vedant Kana उस बाथरूम में कोई था - अध्याय 1 द्वारा Varun छाया का प्यार - 1 द्वारा kajal jha भूत सम्राट - 1 द्वारा OLD KING कृष्णा कैफ़े - भाग 2 द्वारा Raj Phulware दर्पण - भाग 1 द्वारा Raj Phulware अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी