Aaj ke naye vichar book and story is written by प्रिन्शु लोकेश तिवारी in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Aaj ke naye vichar is also popular in Poems in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. आज के नये विचार प्रिन्शु लोकेश तिवारी द्वारा हिंदी कविता 8 1.8k Downloads 12.8k Views Writen by प्रिन्शु लोकेश तिवारी Category कविता पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण वही कृष्ण है वही अंग है अंतर केवल इत्ता है । प्रेम को त्यागा अब उसने अब तो केवल सत्ता है। प्रेम को त्याग दिया है अब वो छोड़ी ब्रज की नगरी है। छूट गया मिठा यमुना जल पहुचा खारी नगरी है। जिन हाथों मे लेकर पर्वत बना था वो सब का रक्षक। उसी हाथों मे लिए शुदर्शन बना आज वो एक भक्षक। वही कृष्ण है वही अंग है अंतर केवल इत्ता है । प्रेम को त्यागा अब उसने अब तो केवल सत्ता है। दस उंगली मे रहती थी जो बंसी से टूटा विश्वास इक उंगली मे लिए शुदर्शन करते हो दुष्टो का नाश। प्रेम रूप गर धारे होते More Likes This मी आणि माझे अहसास - 98 द्वारा Darshita Babubhai Shah लड़के कभी रोते नहीं द्वारा Dev Srivastava Divyam जीवन सरिता नोंन - १ द्वारा बेदराम प्रजापति "मनमस्त" कोई नहीं आप-सा द्वारा उषा जरवाल कविता संग्रह द्वारा Kaushik Dave मेरे शब्दों का संगम द्वारा DINESH KUMAR KEER हाल ए दिल द्वारा DINESH KUMAR KEER अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी