Iktare wala jogi - 2 book and story is written by Dr kavita Tyagi in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Iktare wala jogi - 2 is also popular in Women Focused in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. इकतारे वाला जोगी - 2 Dr kavita Tyagi द्वारा हिंदी महिला विशेष 18 2k Downloads 9.9k Views Writen by Dr kavita Tyagi Category महिला विशेष पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण आभा की किशोरवयः पुत्री शुभ्रा भी मांँ की मनःस्थिति को ना समझते हुए उसके रोग का कारणभूत जोगी के इकतारे को समझती है और जोगी को हमेशा-हमेशा के लिए उस शहर को छोड़कर कहीं दूर चले जाने के लिए कहती है । आभा को जब यह ज्ञात होता है तब बीमार आभा इतनी आहत होती है कि वह कोमा में चली जाती है । इसके छः साल बाद जब शुभ्रा उसी दौर से गुजरती है , जिस दौर में उसकी माँँ ने अपने सपनों को अपनों की खुशी के लिए दफन कर दिया था , तब शुभ्रा को मांँ द्वारा सुनाई गई वह कहानी याद आती है , जिसमें शुभ्रा को यह संकेत मिलता है कि कहानी का राजकुमार कोई और नहीं, मांँ के मन का मीत है । संकेत पाते ही ।शुभ्रा माँँ को वही सुख देने का संकल्प करती हैं , जिसकी वह अधिकारिणी है । कहानी के अन्त तक वह आंशिक सफलता प्राप्त कर लेती है । अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी