कहानी "इकतारे वाला जोगी" के दूसरे भाग में शुभ्रा अपने बीमार माँ आभा को मंदिर की घटनाएँ सुनाती है। सुनते-सुनते माँ की स्थिति गंभीर हो जाती है और वह बेहोश हो जाती है। शुभ्रा और परिवार उसे अस्पताल ले जाते हैं, लेकिन डॉक्टरों के प्रयासों के बावजूद आभा कोमा में चली जाती है। शुभ्रा को अपनी माँ की कहानी के बारे में सोचते हुए यह विश्वास होता है कि वह सही दिशा में जा रही है। वह अपने आँसू पोंछते हुए माँ के पास बैठती है और कहती है कि माँ की कहानी उनकी अपनी ज़िंदगी की एक दास्तान थी। शुभ्रा यह भी बताती है कि उसने जोगी बाबा के इकतारे पर राजकुमार का नाम देखा था। वह माँ से वादा करती है कि उसके जीवन में पुनः खुशियों का संचार होगा और वह जान चुकी है कि यह खुशियों का स्रोत क्या है। शुभ्रा का यह दृढ़ निश्चय उसकी माँ के लिए एक नई आशा लेकर आता है। इकतारे वाला जोगी - 2 Dr kavita Tyagi द्वारा हिंदी महिला विशेष 18 2.8k Downloads 11.5k Views Writen by Dr kavita Tyagi Category महिला विशेष पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण आभा की किशोरवयः पुत्री शुभ्रा भी मांँ की मनःस्थिति को ना समझते हुए उसके रोग का कारणभूत जोगी के इकतारे को समझती है और जोगी को हमेशा-हमेशा के लिए उस शहर को छोड़कर कहीं दूर चले जाने के लिए कहती है । आभा को जब यह ज्ञात होता है तब बीमार आभा इतनी आहत होती है कि वह कोमा में चली जाती है । इसके छः साल बाद जब शुभ्रा उसी दौर से गुजरती है , जिस दौर में उसकी माँँ ने अपने सपनों को अपनों की खुशी के लिए दफन कर दिया था , तब शुभ्रा को मांँ द्वारा सुनाई गई वह कहानी याद आती है , जिसमें शुभ्रा को यह संकेत मिलता है कि कहानी का राजकुमार कोई और नहीं, मांँ के मन का मीत है । संकेत पाते ही ।शुभ्रा माँँ को वही सुख देने का संकल्प करती हैं , जिसकी वह अधिकारिणी है । कहानी के अन्त तक वह आंशिक सफलता प्राप्त कर लेती है । Novels इकतारे वाला जोगी इकतारे वाला जोगीछः वर्ष पश्चात् ...छः वर्ष बीत चुके थे। शुभ्रा अब किशोर वयः के अन्तिम पड़ाव पर थी। न जाने कब बासन्ती सुगंधित बयार का कोई झोंका आकर उसकी... More Likes This इश्क की लाइब्रेरी। - 8 द्वारा Maya Hanchate अनकहे रिश्ते - 1 द्वारा patel lay गड़बड़ - चैप्टर 1 द्वारा Maya Hanchate बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 13 द्वारा Maya Hanchate गुनाहों की सजा - भाग 1 द्वारा Ratna Pandey छाया प्यार की - 1 द्वारा NEELOMA चंद्रवंशी - 1 - अंक – 1.1 द्वारा yuvrajsinh Jadav अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी