कहानी "मांगे मिले न भीख" कालू राम नामक एक व्यक्ति के बारे में है, जो जीवन में केवल सोने और भरपूर भोजन करने में विश्वास करता है। वह चारपाई पर लेटा हुआ है और सोच रहा है कि उसे अब अपने खाने-पीने का खुद ही इंतज़ाम करना होगा, क्योंकि उसके पिता ने उसे और पालने से मना कर दिया है। कालू यह सोचता है कि हर काम में मेहनत होती है और उसे किसी आरामदायक जीवन का सपना है। लेकिन उसकी सोच में बाधा डालते हुए एक जोगी की आवाज़ आती है, जिससे उसकी नींद और सपने टूट जाते हैं। कहानी कालू की आलसी और आरामतलब जीवनशैली को दर्शाती है, साथ ही उसके सामने आने वाली चुनौतियों को भी उजागर करती है। माँगे मिले न भीख Neetu Singh Renuka द्वारा हिंदी लघुकथा 4 1.5k Downloads 7k Views Writen by Neetu Singh Renuka Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कुछ लोग इतने आलसी होते हैं कि आलस्य की पराकाष्ठा को भी पार कर जाते हैं। ऐसे में अगर आजीविका चलाने के लिए उन्हें भीख भी माँगनी पड़े तो क्या उनसे यह संभव हो पाएगा भीख माँगना क्या इतना आसान है More Likes This नेताजी की गुप्त फाइलें - भाग 1 द्वारा Shailesh verma पायल की खामोशी द्वारा Rishabh Sharma सगाई की अंगूठी द्वारा S Sinha क्या यही है पहला प्यार? भाग -2 द्वारा anmol sushil काली किताब - भाग 1 द्वारा Shailesh verma Silent Desires - 1 द्वारा Vishal Saini IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 2 द्वारा Akshay Tiwari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी