इस कहानी में एक नौ वर्ष की बच्ची, सुविषा, अपनी सौतेली माँ से डरते हुए एक महिला, नीलम, से घर का काम करने की अनुमति मांगती है। सुविषा ने कहा कि अगर वह बिना काम किए घर लौटती है, तो उसे बहुत मार पड़ेगी। नीलम जब सुविषा के जख्म देखती है, तो वह चिंतित हो जाती है और उसे पहले सहायता देती है। नीलम सुविषा को एक सुंदर फ्रॉक पहनाती है और उसे आराम करने के लिए कहती है। इसके बाद, नीलम सुविषा के माता-पिता को बुलाती है, जिन्हें लगता है कि सुविषा ने कुछ गलत किया है। कहानी बच्चे के प्रति दया और परिवार के भीतर के संघर्षों को दर्शाती है। सुविषा Ved Prakash Tyagi द्वारा हिंदी लघुकथा 26.9k 1.3k Downloads 3.8k Views Writen by Ved Prakash Tyagi Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण दुर्जन ने नीलम मैडम की शिकायत थाने में कर दी कि वह छोटी बच्ची से घर के भारी काम करवाती है। नीलम को जब इस बात का पता चला तो उसे बहुत दुख हुआ, तभी गणेश ने आकर नीलम को बताया कि मैडम आप ही बचा सकती हैं मेरी बेटी को दुर्जन के चंगुल से। More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी