इस अध्याय में शेख सादी की यात्राओं का वर्णन किया गया है, जो इब्नबतूता के समकालीन थे। सादी ने अपने जीवन में कई स्थानों की यात्रा की और उनका उद्देश्य केवल दृश्यावलोकन करना नहीं था, बल्कि वे लोगों की संस्कृति, रीति-रिवाज और आचार-व्यवहार को समझना चाहते थे। वे साधारण वस्त्र पहनते थे और अपने साथ कोई सामान नहीं रखते थे, केवल सुरक्षा के लिए एक कुल्हाड़ी रखते थे। सादी यात्राओं के दौरान महीनों तक ठहरते थे, विद्वानों के साथ समय बिताते थे, और अपने अनुभवों को संचित करते थे। उनकी कृतियाँ 'गुलिस्तां' और 'बोस्तां' इसी ज्ञान का परिणाम हैं। वे केवल अद्भुत घटनाओं पर ध्यान नहीं देते थे, बल्कि साधारण घटनाओं से भी नैतिक शिक्षा निकालते थे। एक उदाहरण में, सादी एक व्यापारी से मिलते हैं, जो अपने धन और संपत्ति का बखान करता है। व्यापारी का सपना है कि वह पारस का गन्धाक चीन ले जाए। इस वार्ता के माध्यम से, सादी हमें यह समझाते हैं कि मानव व्यवहार और आकांक्षाएं कैसे नैतिक उपदेश प्रदान कर सकती हैं। शेख़ सादी - 3 Munshi Premchand द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 2.4k 3.3k Downloads 8.4k Views Writen by Munshi Premchand Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मुसलमान यात्रियों में इब्नबतुता (प्रख्यात यात्री एवं महत्वपूर्णग्रंथ ‘सफ़रनामा’ का लेखक) सबसे श्रेष्ठ जाता है। सादी के विषय में विद्वानों ने स्थिर किया है कि उनकी यात्रायें 'बतूता' से कुछ ही कम थीं। उस समय के सभ्य संसार में ऐसा कोई स्थान न था जहाँ सादी ने पदार्पण न किया हो। वह सदैव पैदल सफर किया करते थे। इससे विदित हो सकता है कि उनका स्वास्थ्य कैसा अच्छा रहा होगा और वह कितने बड़े परिश्रमी थे। साधारण वस्त्रों के सिवा वह अपने साथ और कोई सामान न रखते थे। हाँ, रक्षा के लिए एक कुल्हाड़ा ले लिया करते थे। आजकल के यात्रियों की भांति पाकेट में नोटबुक दाबकर गाइड (पथदर्शक) के साथ प्रसिध्द स्थानों का देखना और घर पहुंच यात्रा का वृत्तांत छपवाकर अपनी विद्वता दर्शाना सादी का उद्देश्य न था। Novels शेख़ सादी शेख़ मुसलहुद्दीन (उपनाम सादी) का जन्म सन् 1172 ई. में शीराज़ नगर के पास एक गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम अब्दुल्लाह और दादा का नाम शरफुद्दीन था। &... More Likes This Operation Mirror - 3 द्वारा bhagwat singh naruka DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 द्वारा Anipayadav वाह साहब ! - 1 द्वारा Yogesh patil मेनका - भाग 1 द्वारा Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 द्वारा S Sinha RAJA KI AATMA - 1 द्वारा NOMAN क्लियोपेट्रा और मार्क एंथनी द्वारा इशरत हिदायत ख़ान अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी