कहानी "अकेली" में सुप्रिया अपने ऑफिस से निकलते समय अपनी सहेलियों के साथ बातचीत करती है। उसकी सहेलियाँ शादी और घर की जिम्मेदारियों के बारे में मजाक करती हैं, जिससे सुप्रिया थोड़ा असहज महसूस करती है। वह अपने जीवन में अकेलेपन और समाज के दबावों का सामना कर रही है, खासकर जब उसकी शादी की चर्चा चलती है। सुप्रिया और उसकी दोस्त प्रिया दोनों के माता-पिता एक कार दुर्घटना में पांच साल पहले गुजर चुके हैं, जिससे उनकी ज़िंदगी में एक बड़ा खालीपन है। सुप्रिया अपने परिवार की सुरक्षा और भविष्य को लेकर चिंतित है, फिर भी वह अपनी सहेलियों के साथ बातचीत में हंसने की कोशिश करती है। कहानी में अकेलेपन, सामाजिक दबाव और रिश्तों की जटिलताओं को दर्शाया गया है। अकेली .. Vrishali Gotkhindikar द्वारा हिंदी लघुकथा 5.3k 2.9k Downloads 13.2k Views Writen by Vrishali Gotkhindikar Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण एक लडकी जो पेहेलेसे अकेली पडी थी कभी अपने नासिब मे प्यार होगा ये सोचती रही ,और वास्तव मे वो एक हसीन मौका उसके सामने आया ,मगर ये मौका भी उसे गवाना पडा शायद अकेला पन ही उसकी जिंदगी हो .. More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी