यह कहानी एक पक्षी की है जो अपने दोस्तों के साथ उड़ता है। एक दिन, वे जमीन पर दाने देखकर नीचे उतरते हैं, लेकिन वहां एक शिकारी का जाल होता है जिसमें वे फंस जाते हैं। एक कमजोर पक्षी जो जाल में नहीं फंसता, अपने साथियों को देखकर दुखी होता है, लेकिन समय के साथ उसकी निराशा कम हो जाती है। वह एक झाड़ी में छिप जाता है और वहां एक साधु और उसके शिष्यों का ज्ञान सुनता है। साधु के जाने के बाद, पक्षी अपनी स्वतंत्रता के लिए उड़ता है, लेकिन अंततः शिकारी के जाल में फिर से फंस जाता है। शिकारी उसे मारने की सोचता है, लेकिन पक्षी उससे चार अमूल्य शिक्षाएं देने का प्रस्ताव रखता है। पक्षी पहले तीन शिक्षाएं बताता है: 1. बीती बातों पर पछताना नहीं चाहिए। 2. जो बात समझ में न आए, उस पर विश्वास नहीं करना चाहिए। 3. जो वस्तु हाथ में है, उससे संतुष्ट रहना चाहिए। चौथी शिक्षा के लिए पक्षी ने कहा कि उसे पहले पिंजरे से बाहर निकालना होगा। यह कहानी हमें जीवन के महत्वपूर्ण सबक सिखाती है। चार शिक्षाएं Sudarshan Vashishth द्वारा हिंदी बाल कथाएँ 1.2k 1.5k Downloads 4.3k Views Writen by Sudarshan Vashishth Category बाल कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Char Shikshaein More Likes This The Great Gorila - 1 द्वारा Ravi Bhanushali अमित की अनोखी दुनिया - 1 द्वारा Chhaya Dubey अमृत की खोज द्वारा ANOKHI JHA तेरी मेरी यारी - 1 द्वारा Ashish Kumar Trivedi आम का बगीचा - भाग 1 द्वारा puja एक बस स्टॉप द्वारा Birendrapatel विवान द सुपर स्टार - 1 द्वारा Himanshu Singh अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी