नहीं देते थे। इस कहानी में लेखक सुभाष सेतिया अपने स्कूल के दिनों के अध्यापकों की यादों को साझा करते हैं। उन्होंने बताया कि कैसे 50-55 साल पहले लड़के और लड़कियां अलग-अलग स्कूलों में पढ़ते थे और उनके अध्यापकों का ध्यान केवल परीक्षा में अच्छे अंक लाने पर नहीं, बल्कि बच्चों के सम्पूर्ण विकास पर भी होता था। लेखक ने अपने स्कूल जीवन में 20-25 अध्यापकों से शिक्षा प्राप्त की, जिनमें से कुछ अच्छे थे, कुछ सामान्य और कुछ नकारात्मक। वे अपने प्रिय अध्यापकों की याद करते हैं, जो उनके लिए अनुशासन और ज्ञान का प्रतीक थे। लेखक ने हरियाणा के एक छोटे कस्बे में अपने बचपन का अनुभव साझा किया, जहाँ स्कूल की इमारतें अच्छी नहीं थीं और प्राइमरी शिक्षा चौपालों में होती थी। उन्होंने साहबराम नामक अपने तीसरी कक्षा के अध्यापक को याद किया, जिनकी उपस्थिति से वे हमेशा अनुशासित रहते थे। इसके बाद, लेखक ने डी ए वी हाई स्कूल में अपने गणित के अध्यापक मास्टर लक्ष्मण दास की बात की, जिनका बच्चों के प्रति स्नेह और सम्मान था। लेखक के अनुसार, ऐसे अध्यापक न केवल शिक्षा देते थे, बल्कि बच्चों के परिवारों में भी सम्मानित थे। कहानी यह दर्शाती है कि अध्यापक बच्चों के जीवन में किस प्रकार महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनके साथ जुड़े अनुभवों का जीवन पर गहरा प्रभाव होता है। अध्यापक जो भूले नहीं Subhash Setia द्वारा हिंदी प्रेरक कथा 5 1.3k Downloads 6.2k Views Writen by Subhash Setia Category प्रेरक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अध्यापक जो भूले नहीं सुभाष सेतिया बच्चो, आप सब स्कूलों में पढ़ते जाने होंगे। ज़्यादातर स्कूलों में सहशिक्षा है जिसमें लड़कियां और लड़केे एक साथ पढ़ते हैं। इसलिए आपको अध्यापक तथा अध्यापिकाएं दोनों पढ़ाती हैं। जिस समय मैं स्कूल में पढ़ता था तब लड़के और लड़कियां अलग—अलग स्कूलों में पढ़ते थे और लड़कों को पुरूष और लड़कियों को महिला शिक्षक पढ़ाती थीं। मैं आपको आज से 50—55 साल पहले के ज़माने में ले जा रहा हूँ जब छात्र—छात्राओं तथा शिक्षकों के बीच आज जैसी निकटता और अनौपचारिकता नहीं थी। किन्तु अध्यापक—अध्यापिकाओं का ध्यान केवल परीक्षा में अच्छे अंक दिलाने पर More Likes This जीवनभर की बचत - 1 द्वारा संदीप सिंह (ईशू) सन्यासी -- भाग - 31 द्वारा Saroj Verma गांव का उजाला - 1 द्वारा simran bhargav साक्षात्कार -पीयूष गोयल द्वारा Piyush Goel 110 विचार जो आपकी जिंदगी…. द्वारा Piyush Goel જીવન પ્રેરક વાતો - ભાગ 11 - 12 द्वारा Harshad Kanaiyalal Ashodiya गिरोह द्वारा Anand Tripathi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी