"सैंतीसवाँ पन्ना" कहानी सुमन शर्मा द्वारा लिखी गई है, जिसमें नारायण नामक एक फिल्म निर्माता की यात्रा का वर्णन है। नारायण हिमालय की पर्वतमालाओं के बीच एक पगडंडी पर चला जा रहा है, जहाँ उसे एक चाय की दुकान दिखाई देती है। वहाँ एक युवक चाय और पकौड़े बेचता है। नारायण चाय पीते समय पकौड़ों के साथ एक खास कागज़ पाता है, जिस पर सुंदर लिखावट में कुछ लिखा होता है। यह कागज़ एक कहानी का अंश प्रतीत होता है, जिसका शीर्षक "सैंतीसवाँ पन्ना" है। नारायण उस कहानी के प्रति जिज्ञासु हो जाता है और युवक से उन कागज़ों के बारे में पूछता है। यह कहानी नारायण की खोज और नए अनुभवों की खोज के साथ-साथ जीवन के छोटे-छोटे सुखों की अहमियत को दर्शाती है। सैंतीसवाँ पन्ना Jahnavi Suman द्वारा हिंदी लघुकथा 2.4k 1.3k Downloads 4.2k Views Writen by Jahnavi Suman Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Sentisva Panna - Suman Sharma More Likes This उड़ान (1) द्वारा Asfal Ashok नौकरी द्वारा S Sinha रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी