इस व्यंग्य में सुदर्शन वशिष्ठ ने खांसी और 'खंघारा' के महत्व पर प्रकाश डाला है। आजकल लोग खांसी को छुपाने की कोशिश करते हैं, जबकि पुराने समय में खांसी एक सामान्य बात थी और इसे गर्व से किया जाता था। खंघारा मारने का मतलब होता था कि कोई व्यक्ति आ रहा है, जिससे घर में महिलाएं अपनी सजगता दिखाती थीं। पहले लोग तम्बाकू का सेवन करते थे, जिससे खांसी होना आम बात थी। लेख में बताया गया है कि अब लोग चुपचाप आते हैं, जिससे तैयार होने का समय नहीं मिलता। खांसी बताती है कि आप वहाँ हैं, और इससे छिपना मुश्किल होता है। खांसी कभी समझदारी का प्रतीक होती है, कभी बेवकूफी का। अंत में, एक लोकगायिका के गीत के माध्यम से यह स्पष्ट किया गया है कि खंघारा मारने से किसी की उपस्थिति का पता चल जाता है। Khandhara Sudarshan Vashishth द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 590 2k Downloads 5.1k Views Writen by Sudarshan Vashishth Category हास्य कथाएं पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण Khandhara - Sudarshan Vashishth More Likes This मजनू की मोहब्बत पार्ट-1 द्वारा Deepak Bundela Arymoulik मजनू की मोहब्बत द्वारा Deepak Bundela Arymoulik सैयारा का तैयारा द्वारा dilip kumar झग्गू पत्रकार (व्यंग सीरीज) द्वारा Deepak Bundela Arymoulik देसी WWE - गांव के पहलवान बनाम विलायती दंगल ! - 1 द्वारा sachim yadav कॉमेडी का तड़का - 1 द्वारा Kaju Check-In हुआ, Check-Out नहीं! - अध्याय 3 द्वारा Sakshi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी